केदारनाथ में आपदा को आए सात वर्ष बीत चुके हैं, मगर पहाड़ियों पर मानव कंकाल मिलने का सिलसिला अभी भी जारी है। आपको बताते चलें कि आपदा के दौरान लापता हुए तीन हजार से अधिक यात्रियों का आज तक भी कोई पता नहीं चल सका है। 16-17 जून 2013 को केदारनाथ में आई आपदा ने भारी तबाही मचाई थी। स्थिति इस कदर भयावह थी कि राहत कार्य 19 जून से शुरू हो पाए थे । 21 जून से भारतीय वायु सेना ने रेस्क्यू शुरू किया। इस बीच हजारों यात्री जान बचाने के लिए आसपास की ऊंची पहाड़ियों पर चढ़ गए। लेकिन, रास्ता भटकने और भूख व कड़ाके की ठंड ने उनकी जान ले ली और उनमे से किस्मत वाले काफी यात्री त्रियुगीनारायण व चौमासी ट्रैक के साथ ही वासुकीताल से सकुशल लौटने में भी सफल रहे।
लापता यात्रियों की तलाश में सरकार ने वर्ष 2016 तक समय-समय पर सर्च अभियान भी चलाए। इस दौरान पहाड़ियों पर बड़ी संख्या में मानव कंकाल बरामद हुए। इसके बाद नैनीताल हाईकोर्ट की ओर से भी तीन बार सर्च अभियान चलाने के आदेश दिए गए। इन सभी अभियानों में अब तक 703 मानव कंकाल बरामद हो चुके हैं और 3183 यात्री अभी भी लापता हैं। पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह भुल्लर कहते हैं कि केदारनाथ की पहाड़ियां काफी दुर्गम हैं। साथ ही यहां घना जंगल भी है। इससे कंकालों को खोजने में दिक्कतें पेश आ रही हैं लेकिन उनकी कोशिस जारी रहेगी