टाटा समूह को भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीजीसीआई) से देश के पहले CRISPR कोविड-19 परीक्षण को कमर्शियल रूप से शुरू करने की मंजूरी मिल गयी है। कंपनी ने कहा कि यह जांच सटीक परिणाम देने में पारंपरिक आरटी-पीसीआर परीक्षण के समतुल्य है। इसके अलावा यह सस्ता और कम समय में परिणाम देता है। इस पद्धति का प्रयोग भविष्य में अन्य महामारियों के परीक्षण में भी किया जा सकेगा।
कंपनी ने कहा कि टाटा क्रिस्पर परीक्षण सीएएस9 प्रोटीन का इस्तेमाल करने वाला विश्व का पहला ऐसा परीक्षण है, जो सफलतापूर्वक कोविड-19 महामारी फैलाने वाले वायरस की पहचान कर लेता है। टाटा मेडिकल एंड डायग्नोस्टिक्स लिमिटेड के सीईओ गिरीश कृष्णमूर्ति ने कहा, ‘COVID-19 के लिए Tata CRISPR टेस्ट के लिए स्वीकृति वैश्विक महामारी से लड़ने में देश के प्रयासों को आगे बढ़ाएगी। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि टाटा समूह ने सीएसआईआर-आईजीआईबी और आईसीएमआर के साथ मिलकर ‘मेड इन इंडिया’ उत्पाद तैयार किया है, जो सुरक्षित, विश्वसनीय, सस्ती और सुलभ है।