नियंत्रण रेखा पर जारी तनाव को कम करने के लिए भारत और चीन के बीच बातचीत का सिलसिला फिर शुरू हो गया है। दोनों देशों के बीच एलएसी पर चीन की तरफ मोल्दो में छठे दौर की उच्च स्तरीय वार्ता होने जा रही है। जानकारी के मुताबिक कोर कमांडर स्तर की वार्ता के दौरान पहली बार विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव नवीन श्रीवास्तव भी शामिल होंगे।
भारत और चीन के सैनिकों के बीच हाल ही में हुई गोलीबारी की घटनाओं के बाद सीमा पर यह पहली बैठक हो रही है। भारतीय पक्ष का नेतृत्व 14 कोर के लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह करेंगे, जबकि पीएलए मेजर जनरल लिन लियू द्वारा चीनी का प्रतिनिधित्व किया जाएगा। भारतीय डेलिगेशन में लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह के अलावा मेजर जनरल अभिजीत बापत, मेजर जनरल पदम शेखावत, दीपक सेठ मौजूद होंगे। भारत की ओर से स्थिति साफ कर दी गई है कि वो एक इंच भी पीछे नहीं हटेंगे और अपनी जमीन नहीं छोड़ेंगे।
भारत और चीन ने सैन्य और कूटनीतिक दोनों स्तरों पर अप्रैल-मई से कई दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन अब तक इसका कोई महत्वपूर्ण परिणाम नहीं निकला है। मई महीने से ही लद्दाख से लगती भारत-चीन सीमा पर माहौल तनावपूर्ण है। 15 जून को यह तब चरम पर पहुंच गया जब दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए। इसमें चीन के भी 40 से ज्यादा सैनिक मारे गए थे।
इसके बाद हाल ही में हुई कई घटनाओं ने दोनों देशों के बीच पहले से ही जारी तनाव को और बढ़ा दिया है। पहली घटना तब हुई जब भारतीय सेना ने 29-31 अगस्त के बीच दक्षिणी बैंक पंगोंग झील के पास ऊंचाइयों पर कब्जा करने की चीनी कोशिश को नाकाम कर दिया, जबकि दूसरी घटना 7 सितंबर को मुखपारी के पास हुई। तीसरी घटना 8 सितंबर को पैंगोंग झील के उत्तरी तट के पास हुई थी। इस दौरान दोनों पक्षों के सैनिकों ने 100 से अधिक राउंड हवाई फायरिंग की थी।