देहरादून, 05 दिसम्बर। मंगलवार को दून विश्वविद्यालय के प्रांगण में संस्कृत भाषा प्रमाणपत्रीय पाठ्यक्रम पुस्तक वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमे संस्कृत की शिक्षा लेने वाले विद्यार्थी को कुलसचिव डा एम.एस.मन्द्रवाल, डा प्रदीप सेमवाल (संस्कृत भारती जनपद संगठन मंत्री), राकेश भट्ट जी (सहायक प्रवक्ता थियेटर) शिक्षक राजेश शर्मा के सानिध्य में पुस्तक वितरण की गयी।
बता दें कि यह शिक्षा केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के अन्तर्गत दून विश्वविद्यालय में हर वर्ष करायी जाती है। जिसमे मुख्यतः दो कोर्स उपलब्ध है। संस्कृत भाषा प्रमाणपत्रीय पाठ्यक्रम और संस्कृत भाषा दक्षता पाठ्यक्रम।
कुलसचिव ने कार्यक्रम के अन्तर्गत संस्कृत पर अधिक ध्यान देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि कि सभी भाषाओं की जननी संस्कृत है इससे विज्ञान, ज्योतिष, नक्षत्रों की गणना की जानकारी मिलती है। संस्कृत से संस्कारो का जन्म होता है। ओर समाज को नयी दिशा मिलती है।
डा प्रदीप सेमवाल ने कहा संस्कृत के बिना सनातन का कोई महत्व नहीं है। संस्कृत ही वेदों, उपनिषदों का मूल है।
इस कार्यक्रम में पारितोष, कनिका, मिली, मंजू, संजय कैन्तुरा, राशि, धीरज ओर अन्य विद्यार्थियों की गरिमामय उपस्थिति रही।