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बद्री गाय घी अब अमेजन पर आनलाइन उपलब्ध

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चमोली। श्री बद्रीनाथ की पावन भूमि जनपद चमोली से बद्री गाय का शुद्ध घी अब देश भर में आनलाइन उपलब्ध है। अब लोग घर बैठे शुद्ध बद्री गाय घी को अमेजन से आॅनलाइन खरीद सकते है। बद्री घी अमेजन पर ‘बद्री गाय घी’ ब्रांड नाम से उपलब्ध है। ये घी चमोली में खास तौर पर बिलोना विधि से तैयार किया जाता है।

चमोली जिला प्रशासन ने मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजनाओं में शामिल ग्रोथ सेंटरों में निर्मित बद्री गाय घी को देशव्यापी बाजार उपलब्ध कराने की पहल की है। बद्री गाय घी चमोली बिलोना विधि से तैयार किया जाता है और इससे जिले के महिला स्वयं सहायता समूह की महिलाएं बनाती है। बद्री गाय के दूध से दही बनाने के बाद लकड़ी की मथनी (बिलोना) से मथकर प्राप्त मक्खन को हल्की मध्यम आंच पर गर्म कर घी तैयार किया जाता है। इस विधि से घी में पौष्टिक तत्व बने रहते हैं।

डीएम स्वाति एस० भदौरिया ने बताया कि ग्रोथ सेंटरों में निर्मित उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से बद्री घी को आॅनलाइन अमेजन पर बिक्री कराया जा रहा है। अभी जोशीमठ ब्लाक के अन्तर्गत बद्री गाय घी के दो ग्रोथ सेंटर संचालित है। जिसमें महिला समूहों द्वारा परम्परागत बिलोना विधि से बद्री गाय का घी निर्मित किया जा रहा है। बद्री घी की आॅनलाइन बिक्री से चमोली में उत्पादित घी पूरे देश में बेचा जा सकेगा। आनलाइन बिक्री से जहां एक ओर पर्वतीय क्षेत्र की महिलाओं की आय बढेगी वही ब्रदी गाय को भी संरक्षण मिलेगा। उन्होंने बताया कि बद्री गाय उच्च हिमालयी क्षेत्रों के बुग्यालों एवं जड़ी बूटियों से भरपूर चारागाहों में औषधीय गुणों से युक्त वनस्पतियों की स्वच्छंद चरायी करती है। जिससे बद्री गाय का औषधीय गुणों से युक्त दूध रोग प्रतिरोधक क्षमता के विकास में सहायक होता है। इससे प्राप्त उत्पाद जैसे दूध व घी उच्च पोषकता से परिपूर्ण होने के कारण बाजार में विशेष महत्व रखते है। बद्री गाय से 1.50 लीटर प्रतिदिन दुग्ध उत्पादन होता है एवं परम्परागत विधि से बद्री घी बनाने के लिए अन्य घी की अपेक्षाकृत अधिक श्रम व समय लगता है।

सहायक निदेशक डेरी राजेन्द्र सिंह चौहान ने कहा कि जिलाधिकारी स्वाति एस० भदौरिया एवं मुख्य विकास अधिकारी हंसादत्त पांडे के मार्ग निर्देशन में दुग्ध विकास विभाग चमोली के माध्यम से बद्री घी का उत्पादन एवं विपणन की व्यवस्था की गई है। बद्री घी के ग्रोथ सेंटर की सफलता से डेरी विकास विभाग ने जनपद चमोली में पांच नए ग्रोथ सेंटर भी प्रस्तावित किए है।

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