देहरादून। उत्तराखण्ड की प्रमुख क्षेत्रीय पार्टी यूकेडी ने कहा कि जंगलों की आग से निपटने में प्रदेश सरकार पूरी तरह फेल है। प्रदेश सरकार के पास वनों में आग रोकने के लिए कोई ठोस कार्ययोजना नहीं है।
उत्तरांखण्ड क्रांति दल के केन्द्रीय महांमत्री विजय बौड़ाई ने प्रेस से बात करते हुए कहा कि उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग विकराल रूप लेती जा रही है। आग पर काबू पाने के लिए नैनीताल में सेना की मदद ली जा रही है। वहां पर एक आईटीआई विद्यालय भी चल कर राख हो गया है। सैकड़ो हेक्टेयर वन भूमि में अमूल्य वन संपदा और वन्य जीव नष्ट हो गए हैं। जल स्रोतों पर बहुत घातक असर पड़ रहा है।
विजय बौड़ाई ने कहा कि सरकार के पास कोई ठोस कार्य योजना नहीं है जिससे कि वह इस आपदा को कम कर सकने में सफल होती। वन विभाग पूरी तरह असफल रहा है।इसमें पूरी तरह से विभाग की घोर लापरवाही प्रदर्शित होती है।
वन विभाग द्वारा अपने बजट के 200 करोड़ रूपया जो उनके पास काम करने के लिए आवंटित था वह विभाग खर्च नहीं कर पाए। इसलिए शासन को 200करोड़ वापस करना पड़ा।
उन्होंने कहा कि पैसा होने के बावजूद, कार्य पूरा न कर पाना अकर्मण्यता प्रदर्शित करता है। केन्द्रीय महामंत्री बौड़ाई ने कहा कि उक्रांद मांग करता है कि वन मंत्री को अपने पद से नैतिकता के आधार पर त्यागपत्र दे देना चाहिए। विभाग को संभालने में असफल रहे हैं चाहे वह वन्य जीव का संघर्ष का मामला हो या वनों में लगी आग लगने का मामला हो।
उन्होंने कहा कि पहाड़ों में बंदरों और सूअर के आतंक और साथ में वन्यजीव संघर्ष की जिनकी रोकथाम करने में सरकार विफल साबित हुई है।
इस मौके पर विजेन्द्र रावत, अनूप पंवार, पुष्कर गुसाई, मनोज मिश्रा एडवोकेट, और अशोक नेगी आदि मौजूद रहे।