देहरादून। उत्तराखंड की वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी निधि यादव को विजिलेंस ने अपनी जांच के बाद क्लीन चिट दे दी है। निधि यादव 2005 की पीसीएस अधिकारी हैं। उन्होंने तमाम महत्पूर्ण पदों पर जिम्मेदारी निभाई है। बेहद शालीन और ईमानदार अधिकारी निधि यादव का 2021 में आईएएस में प्रमोशन होना था, लेकिन कुछ स्वार्थी लोगों और उनके विरोधियों को ये बात नागवार गुजरी। और उनको बदनाम करने की साजिश रची, जिसके बाद शासन ने मामले की बिजिलेंस जांच के आदेश दिए। बिजिलेस जांच के चलते उनका आईएएस में प्रमोशन लटक गया था। विजिलेंस की करीब एक साल तक चली जांच में बिजिलेंस ने पाक-साफ पाया और उन्हें क्लीन चिट दे दी है।
विजिलेंस से क्लीन चिट मिलने के बाद अब कार्मिक विभाग ने इसकी सूचना यूपीएससी को भेज दी है. अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने कहा कि निधि यादव को विजिलेंस क्लीन चिट दे चुकी है और इससे संबंधित जानकारी कार्मिक विभाग ने यूपीएससी को भी भेज दी है। यूपीएससी द्वारा पूर्व में विजिलेंस जांच की स्थिति के बारे में जानकारी मांगी गई थी जिसके क्रम में अब संबंधित सूचना यूपीएससी को भेज दी गई है।
बता दें कि पीसीएस अधिकारी निधि यादव मौजूदा समय में निदेशक पंचायती राज के पद पर हैं। उनकी अगुवाई में पंचायती राज विभाग ने उल्लेखनीय तरक्की की है। उनके कुशल नेतृत्व में उत्तराखण्ड ने पंचायत विकास सूचकांक (पीडीआई) में पूरे देश में पहला स्थान हासिल किया है।
निदेशक पंचायतीराज निधि यादव के निर्देशन में ही पंचायतों के डिजिटलीकरण का सपना भी साकार होता नजर आ रहा हैं। निदेशक पंचायतीराज निधि यादव के निर्देशन में उत्तराखंड प्रदेश के पंचायतों को हाईटेक होते जब देखते है तो डिजिटल इण्डिया का सपना साकार होता नजर आता है। निदेशक पंचायतीराज निधि यादव ने पर्यावरण संरक्षण को लेकर एक अनूठी पहल शुरू की है।
