अशोक चक्र विजेता हवलदार बहादुर सिंह बोहरा को उनकी 14 वीं पुर्ण्य तिथि पर याद किया
देहरादून। अशोक चक्र विजेता हवलदार बहादुर सिंह बोहरा को उनकी चौदहवीं पुर्ण्या तिथि पर याद किया।
गुरुवार को गढ़ी कैंट उनके आवास पर कार्यक्रम आयोजित किए गए। जिसके मुख्य अतिथि सुनील कोटनाला ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
उन्होंने कहा कि हवलदार बहादुर सिंह बोहरा का बलिदान हमेशा से याद रखा जाएगा। उन्होंने देश की रक्षा के लिए दुश्मनों से लोहा लेकर देश के लिए अपनी शहादत दी। हवलदार बोहरा ने 25 सितम्बर 2008 को जम्मू कश्मीर के चमर सर में ओ पी रक्षक के दौरान अदम्य साहस का परिचय देकर दुश्मनों पर टूट पड़े।
उन्होंने चार आतंकवादियों को भी मार गिराया। बाएं कंधो पर 4 गोलियां लगने के बाद हवलदार बोहरा की टुकड़ी ने उन्हें सुरक्षित स्थानों पर ले जाने को कहा जिस पर उन्होंने अपने साथियों को मना कर दुश्मनों से लडने के अपने साथियों को कहा। उनके इस अदम्य साहस पर उन्हें राष्ट्रपति द्वारा उन्हें 26 जनवरी 2008 मै भारत सरकार ने शांतिकाल के लिए अशोक चक्र से सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर सुनील कोटनाला, मोहन सिंह गढ़िया, देवचन्द्र, महिपाल सिंह पुंडीर,कुशाल सिंह गढ़िया,शांति बोहरा, चंदन बिष्ट, भुवनचंद्र बिष्ट,आदि लोग मौजूद रहे।