Home उत्तराखंड बड़ी खबरः छात्रों के हंगामे के बाद एचएनबी गढ़वाल केन्द्रीय विवि कुलसचिव...

बड़ी खबरः छात्रों के हंगामे के बाद एचएनबी गढ़वाल केन्द्रीय विवि कुलसचिव ने दिया इस्तीफा

702
0

श्रीनगर। केन्द्रीय विवि बनने के बाद गढ़वाल विवि ने जैसे विवादों से अपना नाता जोड़ लिया है। केन्द्रीय विवि का दर्जा हासिल करने के बाद यहां कभी कुलपति तो कभी कुलसचिव पद हमेशा विवादों मे रहे हैं। विवि के छात्र लम्बे समय से यहां चल रहे भ्रष्टाचार के जांच की मांग उठा रहे हैं लेकिन शायद ही विवि का कोई जिम्मेदार उनकी सुनने को तैयार हो।

ताजा मामला विवि के कुलसचिव प्रो० एन०एस० पंवार का है। भ्रष्टाचार के खिलाफ जांच की मांगों को लेकर यहां छात्र-छात्राएं लगातार मुखर हैं। उन्होंने मौजूदा कुलसचिव प्रो० एन०एस० पंवार पर विवि में व्याप्त भ्रष्टाचार पर कार्रवाई न किये जाने पर गंभीर आरोप लगाये हैं। इसको लेकर विवि के छात्र-छात्राएं आंदोलनरत् हैं। छात्रों के लगातार आंदोलन के बाद कुलसचिव ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि उन्होंने कुलपति को भेजे अपने इस्तीफे में स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया है। लेकिन कुलपति महोेेेदय उनके इस्तीफे को स्वीकार करने के बजाय इस्तीफे को दबाये हुए हैं। इससे छात्र-छात्रएं तमाम तरह के सवाल उठा रहे हैं।

गढ़वाल विवि में छात्र-छात्राएं लम्बे समय से गढ़वाल विवि में भ्रष्टाचार के आरोपों पर चल रही जांच में कार्रवाई न होने पर नाखुश है। छात्रों ने भ्रष्टाचार पर कार्रवाई किए जाने व कुलसचिव को हटाए जाने की मांग की। छात्रां ने भ्रष्टाचार के कई मामले उजागर किए लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। छात्र-छात्राएं विवि में व्याप्त भ्रष्टाचार, नियुक्तियों में धांधली, परीक्षा पेपर घोटले समेत पर अन्य मांगों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। छात्रों का कहना है कि छः महीने बीत जाने के बाद भी इन पर कार्रवाई न होना विवि की लापरवाही दर्शाता है। कुलसचिव पद पर जो भी बैठे भ्रष्टाचार के मामलों की निष्पक्ष होकर जांच करें।

गढ़वाल विवि में नियुक्त कुलसचिव पद की पद करें तो विवि प्रशासन गंभीर नजर नहीं आता है। 31 मई को कुलसचिव धीरज शर्मा का एक साल का कार्यकाल संतोषजनक न पाए जाने पर उन्हें पद से कार्यमुक्त किया। इसके बाद प्रो० आर०के० ढोडी को कार्यवाहक कुलसचिव नियुक्त किया गया, 29 जुलाई को अचानक उनकी जगह प्रो० एन०एस०पंवार को कुलसचिव के पद पर नियुक्त कर दिया गया। अब प्रो० एन०एस० पंवार ने छात्र-छात्राओं के हंगामें बाद इस्तीफा दिया है लेकिन कुलपति इसे मानने को तैयार नहीं है जिससे तमाम तरह के सवाल उठने लाजिमी भी हैं।

 

Previous articleउत्तराखण्डः निकाय चुनाव को लेकर पक्ष विपक्ष की तीखी प्रतिक्रिया
Next articleविधायक कण्डारी ने किया नैथाणा स्टेडियम का भूमिपूजन एवं शिलान्यास

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here