देहरादून। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने स्वास्थ्य उपकेंद्रों में औषधि खरीद घोटाले और भीमताल में करीब 15-16 साल पहले हुए फर्जी गूल निर्माण मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए हैे। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने कार्मिक और सर्तकता विभाग को आदेश देते हुए दोषियो से वसूली के लिए भी कहा है।
औषधि खरीद मामला
भारत सरकार ने स्वास्थ्य उपकेंद्रों में औषधि खरीद के लिए धन राशि जारी की थी। लेकिन जारी धन राशि के मुकाबले खरीदी दवाइयों की किट किट-ए, किट-बी और आशा किट का संपूर्ण उपयोग नहीं हो पाया। जिसके चलते ये दवाइयं रुड़की ड्रग वेयर हाउस में कालातीत हो गई। मुख्यमंत्री ने कार्मिक और सतर्कता विभाग के प्रस्ताव पर इस मामले की विभागीय जांच किए जाने और दोषी कर्मचारियों से नियमानुसार धनराशि की वसूली किए जाने की संस्तुति दी है।
गूलों के निर्माण में फर्जीवाड़ा
लघु सिंचाई विभाग में वर्ष 2002-03 से 2006-07 के बीच राज्य में गूलों के निर्माण के लिए शासन से आवंटित बजट में फर्जीवाड़ा किया गया। बिना गूल बनाए धनराशि हड़पने और धरातल पर कोई कार्य नहीं होने से संबंधी इस मामले की जांच जस्टिस बीसी कांडपाल एकल जांच आयोग द्वारा की गई थी। इस मामले में आयोग ने संबंधित अधीक्षण अभियंता, लघु सिंचाई की निरीक्षण रिपोर्ट और सतर्कता अधिष्ठान से उपलब्ध कराई गई जांच रिपोर्ट और सिफारिशों के आधार पर भीमताल ब्लाक में कमलेश भट्ट तत्कालीन अवर अभियंता (सेवानिवृत 30 जून, 2017), सुरेश चंद्रा तत्कालीन सहायक अभियंता ( अधिशासी अभियंता- सेवानिवृत्त 30 जून, 2020 ) तथा परमजीत सिंह बग्गा, तत्कालीन अधिशासी अभियंता (सेवानिवृत्त) के खिलाफ कार्मिक व सतर्कता विभाग के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री ने विभागीय कार्रवाई किए जाने की मंजूरी दी है।