देहरादून। उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौप दिया है। इस्तीफा देने के बाद त्रिवेन्द्र रावत ने मीडिया को अपने इस्तीफे की जानकारी दी। उन्होंने भाजपा संगठन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि भाजपा संगठन ने एक सैनिक के बेटे को प्रदेश की सेवा करने का मौका दिया है। उन्होंने कहा कि अपने चार साल के कार्यकाल के दौरान विकास को धरातल तक पहुंचाने का काम किया है। उन्होंने अटल आयुष्मान योजना के जरिये हर परिवार को स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने का काम किया है। महिलाओं को बराबरी का दर्जा दिलाने के लिए महिलाओं को पति की पैतृक सम्पत्ति में सहखातेदार बनाया है। खेतीबाड़ी से जुड़ी ग्रामीण महिलाओं के मुख्यमंत्री घस्यारी योजना की शुरूआत की। उन्होंने किसान के लिए ब्याजमुक्त ऋण योजना की शुरूआत भी की।
त्रिवेन्द्र सिंह रावत के प्रदेश की कमान संभालने के बाद बीजेपी प्रदेश में हर चुनाव में जीत का पताका फहराती आई है। त्रिवेन्द्र सरकार का कामकाज जनता की अदालत की कसौटी में खरी उतरी है। सीएम त्रिवेन्द्र रावत की अगुवाई में प्रदेश में धरातल पर पहुंचे विकास से खुश होकर प्रदेश की जनता ने लोकसभा चुनाव में पांचों संसदीय सीट भाजपा की झोली में डाल दी।
इसके अलावा त्रिवेन्द्र के नेतृत्व में भाजपा थराली और पिथौरागढ़ उपचुनाव में रिकार्ड वोटों से जीतने में कामयाब रही। 2018 में हुए नगर निगम चुनावों में भाजपा ने प्रदेश के सात में पांच नगर निगमों में कमल खिलाने में कामयाब रही। पंचायत चुनाव में भी पार्टी ने रिकार्डो मतों से जीत दर्ज कराई। त्रिवेन्द्र रावत अपने चुनाव प्रबंधन को कौशल उत्तर प्रदेश और झारखण्ड में दिखा चुके।