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मिशन 2022ः पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र के लगातार जनसम्पर्क से विरोधी खेमे में हलचल

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देहरादून। पूर्व मुख्यमंत्री और डोईवाला विधायक त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि चार साल में उनके नेतृत्व में सरकार ने सल्ट विधानसभा क्षेत्र में काफी विकास कार्य किए हैं। उनकी बदौलत निश्चित तौर पर भाजपा सल्ट विधानसभा उपचुनाव जीतेगी। उन्होंने यह भी साफ किया कि यदि पार्टी चुनाव प्रचार के लिए उनका कार्यक्रम तय करती है तो वह जरूर जाएंगे।

पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने चैत्र नवरात्रि और हिंदू नवर्ष के साथ ही बैसाखी पर्व के पावन अवसर पर प्रदेश वासियों को शुभकामनाएं दी। डोईवाला के साथ ही प्रदेश भर से आने वाले लोगों से नियमित तौर पर मिलने, उनकी समस्याएं सुनने और उनके निराकरण के लिए मंगलवार को पूर्व सीएम ने नेहरू कालोनी में कार्यालय का शुभारंभ पूजा अर्चना और हवन के साथ किया।

इस कार्यालय में पूर्व मुख्यमंत्री अब नियमित तौर पर जनता को उपलब्ध रहेंगे। इस मौके पर मीडिया के सवालों के जवाब में पूर्व सीएम ने कहा कि पूर्व विधायक स्वर्गीय सुरेंद्र सिंह जीना बहुत ही व्यवहारिक और कार्यकुशल थे। सल्ट विधानसभा क्षेत्र के विकास के लिए उनके कार्यकाल में करीब 98 घोषणाएं की थी। जिसमें से करीब 80 घोषणाओं धरातल पर उतर चुकी हैं। शेष 18 घोषणाएं पर भी काम चल रहा है।

सुरेंद्र सिंह जीना के काम और स्मृतियां लोगों के मन में बसी हैं। सल्ट के लोगों से कहना चाहूंगा कि यह कार्यकाल फिर से भाजपा को दें। जिससे स्वर्गीय सुरेंद्र सिंह जीना के अधूरे कार्यों को भाजपा पूरा कर सके।

एक सवाल के जवाब में पूर्व सीएम ने कहा कि किसी भी चुनाव को चुनौती मानकर ही जीता जा सकता है। विपक्ष को कभी भी कमजोर नहीं माना जाना चाहिए। भाजपा का एक मजबूत तंत्र है। सल्ट की जनता ने भाजपा को पांच साल के लिए वोट दिया था। अभी वह कार्यकाल शेष है। मुझे भरोसा और विश्वास है कि सल्ट की जनता भाजपा प्रत्याशी को भारी बहुमत से उपचुनाव में पहले से ज्यादा वोट से विजयी बनाएगी।

जनता से बेहतर संवाद के लिए खोला कार्यालयः

पूर्व सीएम ने कार्यालय खोलने के सवाल पर कहा कि लगातार कार्यकर्ताओं और जनता से संवाद बना रहना चाहिए। पहले सरकारी कार्यालय था, फिर अपने घर से ही कार्यालय संचालित किया। अब जनसंपर्क बढ़ा तो लगा कि कोई उपयुक्त कार्यालय होना चाहिए। इसलिए यह कार्यालय खोला गया, जिससे जनता की सेवा कर सकूं।

कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए ज्यादा सावधानी और सतर्कता जरूरीः

उन्होंने कहा कि महाकुंभ में सरकार ने कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए काफी अच्छा कार्य किया है। लेकिन कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है। कोरोना को लेकेर आम जनता में जो सतर्कता होनी चाहिए, उसमें कमी आई है। कोविड के प्रति व्यवहार को अपनाकर ही हम इससे लड़ सकते हैं।

मेरा मानना है कि व्यापक टीकाकरण के बाद भी लोगों को ज्यादा सतर्क और सावधान रहने की जरूरत है। लापरवाही के कारण ही आज कोरोना संक्रमण की दर लगातार बढ़ रही है। यदि हम नहीं संभलते तो फिर लाकडाउन की स्थिति आ सकती है। अभी तक सरकार ने कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए जो कदम उठाए हैं वह ठीक हैं। यदि जरूरत पड़ती है तो और ज्यादा सख्ती भी करने से परहेज नहीं किया जाना चाहिए। क्योंकि यह मानव जीवन के लिए है।

एक सवाल पर उन्होंने कहा कि महाकुंभ का सबसे बड़ा स्नान बैसाखी पर्व पर होता है, यह स्नान भी व्यवस्थित ढंग से निबट जाएगा। इसके बाद से धीरे-धीरे सभी अखाडे वापस जाने लगते हैं, इसलिए अब सरकार के सामने कोविड के दृष्टिगत महाकुंभ को सुरक्षित ढंग से सम्पन्न कराने में किसी तरह की बाधा नहीं होनी चाहिए।

जनहित में कोई बदलाव करने में बुराई नहींः

पूर्व सीएम श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एक सवाल के जवाब में कहा कि सरकार द्वारा उनके फैसले पलटने को लेकर हल्ला ज्यादा हो रहा है। जबकि बदलाव मामूली हैं। यदि जनहित में सरकार कोई बदलाव करती है तो उसमें कोई बुराई नहीं है।

सरकार के एक माह के कार्यकाल के सवाल पर उन्होंने कहा कि एक माह का समय किसी के भी कार्य के आंकलन के लिए बहुत कम होता है। एक माह में किसी से बड़ी अपेक्षा करना गलत होगा। गैरसैँण कमिश्नरी के सवाल पर उन्होंने कहा कि सरकार ने उनके निर्णय को केवल स्थगित किया है वह बदला नहीं गया है। लेकिन मैं आज भी कहता हूं कि गैरसैंण कमिश्नरी का निर्णय आने वाले भविष्य के लिए काफी उपयुक्त साबित होता। यह गढ़वाल और कुमाऊं के नए प्रयाग के रूप में विकसित करने के मकसद से किया गया था।

चार धाम देवस्थानम बोर्ड में हमने कोई बड़ा बदलाव नहीं किया। सभी मंदिर पहले से ही श्री बदरीनाथ-श्री केदारनाथ मंदिर समिति में हैं। जबकि और भी मंदिरों ने बोर्ड में अपने मंदिरों को शामिल करने का अनुरोध किया था।

जनता के सहयोग से ही जंगलों की आग पर काबूः

उन्होंने जंगलों की आग के सवाल पर कहा कि उत्तराखंड में 48 फीसदी वनाच्छादित क्षेत्र है। इसमें 25 फीसदी भू भाग चीड़ वाला है। इस साल बारिश नहीं हुई। इससे जमीन की नमी कम हो गई। इसके कारण आग ज्यादा फैल रही है। उन्होंने कहा कि सामाजिक स्तर पर चेतना से ही वनाग्नी को रोका जा सकता है। कृत्रिम रूप से वनों की आग को नियंत्रित करना काफी कठिन है। आम जनता के सहयोग से ही हम जंगलों को आग से बचा सकते हैं। इसमें जितना ज्यादा हो, जनता और स्थानीय लोगों की भागीदारी के लिए प्रयास करना चाहिए।

मलिन बस्तियों के लिए फिर अध्यादेश लाया जा सकता हैः

पूर्व सीएम ने कहा कि हाईकोर्ट के मलिन बस्तियों को हटाने के फैसले के बाद उनकी सरकार तीन साल के लिए अध्यादेश लेकर आई थी। कृषि भूमि के भू उपयोग परिवर्तन पर हाईकोर्ट की रोक बाद गरीबों के लिए जो आवास बनने थे, उसमें दिक्कत आई है। अब कोर्ट से सरकार के पक्ष में फैसला हुआ है। इसलिए गरीबों के लिए आवास बनाने के कार्य में तेजी आएगी। तब तक अध्यादेश को बढ़ाया जा सकता है।

कार्यालय शुभारंभ के मौके पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री मदन कौशिक, मेयर श्री सुनील उनियाल गामा, विधायक श्री विनोद चमोली, श्री खजान दास, पूर्व दायित्वधारी श्रीमती दीप्ती रावत, अनिल गोयल, राजेश शर्मा, रविंद्र कटारिया, करन बोरा, जितेंद्र रावत उर्फ मोनी आदि मौजूद रहे।

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