Home उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग जिलों में करेगा सामुदायिक रेडियो की स्थापना

आपदा प्रबंधन विभाग जिलों में करेगा सामुदायिक रेडियो की स्थापना

484
0

देहरादून। राज्य के उच्च शिक्षा, सहकारिता, प्रोटोकाल एवं आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास मंत्री डा० धन सिंह रावत ने कहा है कि विभाग उत्तराखण्ड के विभिन्न जनपदों में शीघ्र सामुदायिक रेडियो केन्द्रों की स्थापना करेगा। इससे आपदा के समय में आम जनमानस तक सूचनाओं का आदान प्रदान आसानी से और त्वरित रूप से हो सके। इस हेतु शासन द्वारा आदेश जारी करते हुए प्रस्ताव मांगे गए हैं।

उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण में सूबे के विभिन्न जनपदों में स्वायत्त संस्थाओं अथवा गैर सरकारी संस्थाओं के माध्यम से सामुदायिक रेडियो केंद्र स्थापित किये जाने की व्यवस्था है। लेकिन विभागीय लेट लतीफी के कारण यह योजना अंजाम तक नहीं पहुँच सकी।

हाल ही में विभागीय मंत्री डा० रावत द्वारा समीक्षा बैठकों में इस योजना का संज्ञान लेने के बाद आपदा प्रबंधन विभाग हरकत में आया है। विभागीय सचिव एस० ए० मुरुगेशन ने इस सम्बन्ध में बाकायदा शासनादेश जारी कर समस्त जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है कि अपने जनपदों के इच्छुक गैर सरकारी संस्थाओं तथा अन्य संगठनों से रेडियो केंद्र की स्थापना हेतु प्रस्ताव 04 जून 2021 तक राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को उपलब्ध कराने को कहा है। इसके अतिरिक्त राज्य के सरकारी विश्वविद्यालयों तथा अन्य स्वायत्तशासी संस्थाओं से भी प्रस्ताव मांगे गए हैं।

आदेश में कहा गया है कि जनपदों में सामुदायिक रेडियो केन्द्रों की स्थापना हेतु विभाग के अंतर्गत आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से रु. 10 लाख तथा केन्द्र के संचालन हेतु तीन वर्ष तक रू. 02 लाख प्रतिवर्ष वित्तीय सहायता प्रदान की जायेगी। विभागीय मंत्री डा० रावत का मानना है कि राज्य के सरकारी विश्वविद्यालय तथा अन्य स्वायत्तशासी शिक्षण संस्थान इस कार्य को बेहतर तरीके से कर सकते हैं।

उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय तथा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर द्वारा अपने कैंपस में रेडियो केन्द्रों का संचालन पूर्व से ही किया जा रहा है। यदि सरकार की यह योजना सफल होती है तो निश्चित रूप से राज्य में आने वाली विभिन्न आपदाओं की जानकारी आम लोगों तक शीघ्रता से पहुँचाने में मील का पत्थर साबित होगी। इसके साथ ही कृषि, बागवानी, जड़ी बूटी उत्पादन, मौसम आदि की जानकारी आम जनमानस तक पहुँचाने के लिए भी इन सामुदायिक रेडियो केन्दों का उपयोग किया जा सकेगा।

 

 

Previous articleसेवाभावः पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र ने जरूरतमदों को भेजे आक्सीजन और फ्लोमीटर
Next articleऊर्जा कार्मिकों का फ्रंट लाइन वर्कर की तर्ज पर हो टीकाकरणः विनोद कवि

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here