सहसपुर। ग्राम सभा कोटड़ा संतौर के लोग इन दिनों डर के साए में जी रहे हैं। गांव वालों में एक तरफ कोरोना महामारी का डर और दूसरी तरफ बाढ़ के खतरे का भय बना हुआ है। बीते दिन मालदेवता में आई बाढ़ की खबर के बाद से तो ग्रामीण खासे सहमे हुए हैं। दरअसल कोटड़ा संतौर गांव टौंस नदी से लगा हुआ है और मानसून का आगाज हो चला है। यहां गांव में नदी के बहाव को रोकने के लिए पुस्ते का निर्माण हुआ था जोकि क्षतिग्रस्त हो चुका है। ग्रामीणों की लाख मिन्नतों के बाद भी सरकार ने अभी तक यहां पुस्ते का निर्माण नहीं कराया है। मीडिया के जरिए जगह-जगह से अतिवृष्टि और बाढ़ की खबरें आने लगी हैं। ऐसे में गांव वाले सहमे हुए हैं।
गांव के जागरूक नागरिक सुरेन्द्र तोमर बताते हैं कि कोटड़ा संतौर टौस नदी से लगा हुआ है। हर साल बरसात में टौंस नदी पूरे उफान पर होती है। गांव को बाढ़ के खतरे से बचाने के लिए यहां नदी किनारे पुस्तों का निर्माण किया गया था। लेकिन अब ये पुस्ते क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। जिसके चलते बरसात में यहां रहने वाले परिवारों को बाढ़ का खतरा बना हुआ है।
कांग्रेस नेता और पूर्व जिला पंचायत सदस्य राकेश सिंह नेगी बताते हैं कि कोटड़ा संतौर में नदी किनारे एक पुस्ते का निर्माण हुआ था। इस पुस्ते में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया था जो पानी के एक बहाव में ही ढह गया। यहां पास में ही 15 गरीब परिवार रहते हैं। बरसात में जल स्तर के बढ़ने पर इन परिवारों को बड़ा खतरा हो गया है।
राकेश नेगी बताते कि यहां पर पुस्ते के निर्माण को लेकर कई मर्तबा शासन प्रशासन और जनप्रतिनिधियों सेे बात कर चुके हैं। लेकिन इस गांव के गरीब परिवारों की सुध लेने को कोई तैयार नही है। वे बताते हैं कि यदि यहां पर जल्द पुस्ते का निर्माण नहीं किया गया तो इन गरीब परिवारों के घर बहने का बड़ा खतरा है। वे बीजेपी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहते हैं बरसात का मौसम शुरू हो गया है लेकिन सरकार कागजों में ही मानसून से निपटने की तैयारियों में मशगूल है।
वहीं यहां के ग्रामीण बताते हैं कि यहां पर जो पुस्ता पिछली बार बनाया गया था उसमें घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया था। जिसके चलते वह पानी के एक बहाव में ही टूट गया।