देहरादून। नंदा-गौरा योजना से वंचित बालिकाओं के लिए केदारनाथ विधायक का संघर्ष ने आज रंग लाया है। गौरतलब है कि लम्बे समय से प्रदेश में 38 हजार बालिकाओं को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा था। काग्रेस विधायक मनोज रावत लम्बे समय से वंचित बालिकाओं को इस योजना का लाभ दिलाने के लिए सदन में आवाज उठा रहे थे। लेकिन सरकार इस मामले टालमटोल का रवैया अपना रही थी। पिछले विधान सभा सत्र में विधायक मनोज रावत ने इस विषय में नियम-58 के तहत सदन में मामला उठाया था लेकिन तत्कालीन संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक ने सदन में साफ-साफ कह दिया था कि वे नंदा गौरा योजना से वंचित बालिकाओं को इस योजना का लाभ नहीं दे पायेगा।
मौजूदा विधान सभा में मंगलवार को मनोज रावत ने फिर नियम -58 के तहत इस मामले को सदन में पुरजोर तरीके से उठाया जिस पर मुख्यमंत्री ने सदन में आश्वासन दिया है कि वे नंदा गौरा योजना से वंचित बालिकाओं को इस योजना का लाभ दिया जाएगा।
केदारनाथ विधायक मनोज रावत बताते है कि इस मामले में सरकार सुनने को भी तैयार नहीं थी। लेकिन हमने इस मामले में जनहित याचिका दायर करने की चेतावनी दी। जिससे दबाव मे ंआकर सरकार ने वंचित सभी 38 हजार बालिकाओं को नंदा गौरा योजना का लाभ देना का आश्वासन दिया।
केदारनाथ विधायक कहते है कि मुख्यमंत्री को इस कार्य के लिए अनुपूरक बजट में धन की व्यवस्था करनी चाहिए। और सरकार का कार्यकाल खत्म होने से पहले लाभ दिलाना चाहिए।