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25 हजार की रिश्वत चुकाने के बाद कर्नल को मिल सकी आठ हजार माहवार सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी

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देहरादून। आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री उम्मीदवार कर्नल अजय कोठियाल ने मंगलवार को प्रदेश में आउटसोर्स के जरिये नौकरियों में चल रही धांधली पर बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि सरकार की नाक के नीचे आउटसोर्स एजेंसियां रिश्वत लेकर युवाओं को नौकरी दे रही है और जिस युवाओं के पास रिश्वत देने की ताकत नहीं है वे बेरोजगार का अभिशाप झेलने को मजबूर हैं।

दरअसल कर्नल अजय कोठियाल मंगलवार को टिफिन और मिठाई लेकर देहरादून सचिवालय पहुंचे और वहां मौजूद नौकरी लगने की मिठाई खिलाते हुए नजर आये। उन्होंने वहां उपस्थित लोगों को बताया कि पूर्व सैनिकों के कोटे से उनकी महिला सशक्तिकरण और बाल विकास विभाग चम्पावत में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी लगी है। और वे इस नौकरी को ज्वाइन करने सचिवालय पहुंचे हैं।

पूरा मामले का खुलासा करते हुए कर्नल कोठियाल ने बताया की उत्तराखण्ड में सरकार की नाक के नीचे आउटसोर्स एजेसिंयों नौकरी दिलाने के नाम पर गोरखधंधा चला रही है। सरकारी विभाग में मामूली से गार्ड की नौकरी के लिए भी युवाओं से रिश्वत के तौर पर मोटी रकम ली जा रही हैं। रिश्वत की रकम लेने के बाद ये आउटसोर्स एजेंसिया बिना समुचित भर्ती प्रक्रिया के युवाओं को नौकरी पर रख रहे हैं।

उन्होंने दावा किया कि प्रदेश में आउटसोर्स एजेंसियों के इस गोरखधंधे का पर्दाफाश करने के लिए उन्होंने भूतपूर्व सैनिकों के कोटे से सिक्योरिटी गार्ड के लिए आवेदन किया। इस एवज में उन्होंने 25 हजार की रकम बतौर रिश्वत मांगी गई। 25 हजार चुकाने के बाद आउटसोर्स एजेंसी ने बतौर सिक्योरिटी गार्ड 8 हजार माहवार चम्पावत में तैनाती का नियुक्त पत्र दे दिया। हैरानी की बात है कि आउटसोर्स एजेंसी ने पूरी भर्ती प्रक्रिया का भी पालन नहीं किया।

उन्होंने कहा कि मैंने तो रिश्वत देकर नौकरी हासिल कर ली लेकिन प्रदेश में लाखों नौजवान है जो गरीब है जिनके पास रिश्वत देने के पैसा नहीं है।

इस आउटसोर्स एजेंसी के इस गोरख धंधे के खुलासे के बाद सोशल मीडिया में तरह-तरह की प्रतिक्रया आ रही हैं।

जाने माने पत्रकार राजीव नयन बहुगुणा ने कहा कि पच्चीस हज़ार की रिश्वत लेकर कर्नल अजय कोठियाल को बगैर इंटरव्यू अथवा सत्यापन के , चपरासी का नियुक्ति पत्र थमा देने की वारदात भयभीत एवं चिंतित कर देती है। यह उत्तराखण्ड की रसातल में पहुंच चुकी शासन प्रथा का एक घृणित रूप है।आमूल परिवर्तन के सिवा और कोई विकल्प नहीं। अन्यथा अभी और सड़ांध आएगी।

वहीं कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने बाकायदा फेसबुक के जरिये आउटसोर्स एजेंसियों के गोरखधंधे पर भाजपा सरकार को घेरा हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की शह के बिना यह मुमकिन नहीं है।

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