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गांव के लोगों को सड़क का इंतजार, गांव वाले बोले-सरकारी सिस्टम की कछुआ चाल के चलते नहीं बन पा रही है सड़क

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नरेन्द्र सिंह की रिपोर्ट

कीर्तिनगर। कपरौली गांव में पांच साल का अरसा बीत जाने के बाद भी सड़क का काम शुरू नहीं हो पाया है। गांव-गांव को सड़क से जोड़ने के लिए पीएम ग्रामीण सड़क योजना से लेकर दूसरी तमाम योजनाएं है। इन योजनाओं केा लेकर सरकारों के अपने दावे भी हैं। लेकिन ये योजनाएं सरकारी विभागों के बीच कहीं पिसती नजर आ रही हैं। जिसके चलते योजनाएं समय पर धरातल पर नहीं उतर पा रही है। देवप्रयाग विधानसभा के तहत कपरौली-कड़ाकोट की अनुसूचित बस्ती ब्रतकुण्ड थानकुला कणसाल गांव इसकी बानगी है।

गांव वाले सड़क के निर्माण को लेकर कई मर्तबा सरकारी विभागों से लेकर मुख्यमंत्री दरबार तक लिखा-पढ़ी कर चुके हैं। लेकिन सड़क बनाने की दिशा में अभी तक कोई संतोषजनक पहल सरकार की तरफ से नहीं हुई है।

इस गांव के वाशिंदे और आदर्श सभा के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप सेनवाल बताते हैं कि ब्रतकुण्ड थनकुला कणसाल की प्रस्तावित सड़क का सर्वे 2018 में हो चुका है। लेकिन उसके बाद अभी तक सड़क निर्माण की दिशा में कोई कार्य आगे नहीं बढ़ पाया है। ब्रतकुण्ड थानकुला कणसाल अनुसूचित बस्ती में मोटर मार्ग के निर्माण को लेकर स्थानीय विधायक से लेकर मुख्यमंत्री दरबार तक गुहार लगा चुके हैं। लेकिन तीन साल से ज्यादा अरसा गुजर जाने के बाद भी इस रोड का काम सर्वे से आगे नहीं बढ़ पाया है।

बताते चले कि ब्रतकुण्ड थानकुला कणसाल अनुसूचित बस्ती में तकरीबन 15 सौ से अधिक आबादी रहती है। इस आबादी क्षेत्र को सड़क से जोड़ने के लिए साल 2017 में हड़ोला से कणसाल तक चार किलोमीटर मोटर मार्ग बनाना प्रस्तावित हुआ था। लेकिन पांच साल का अरसा गुजर जाने के बाद भी मोटर मार्ग का काम सर्वे से आगे नहीं बढ़ पाया है।

स्थानीय ग्रामीण बताते है मोटर मार्ग ना होने के चलते अपने रोजमर्रा के काम काज और आस-पास के कस्बों के लिए पैदल जाना पड़ता है। खासकर जब गांव में कोई बीमार होता है तो ग्रामीण को खासी दिक्कतें पेश आती हैं।

कुलदीप सेनवाल बताते है कि रोड के जल्द निर्माण के लिए वे हर सरकारी जिम्मेदार तक ग्रामीणों की आवाज पहुंचा चुके हैं। लेकिन सरकारी सिस्टम की कुछआ चाल के चलते ये सड़क अभी तक फाइलों में कैद है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि जल्द इस दिशा में काम शुरू नहीं हुआ तो ग्रामीण धरना-प्रदर्शन ने के लिए मजबूर हो जायेंगे।

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