एशिया के पहले स्नो लेपर्ड कंजर्वेशन सेंटर में आप जल्द देख पायेंगे हिम तेंदुआ, उत्तरकाशी में बन रहा सेंटर।
उत्तरकाशी। उत्तराखण्ड के उत्तरकाशी जिले में उच्च हिमालयी क्षेत्रों में दिखाई देने वाले स्नो लेपर्ड को संरक्षित करने के लिए एशिया का पहले स्नो लेपर्ड कंजर्वेशन सेंटर बनाया जा रहा है. हिम तेंदुआ संरक्षण केंद्र के माध्यम से बेहद शर्मीले माने जाने वाले जानवर के बारे में तो जानकारी मिलेगी ही, साथ ही पर्यटन भी बढ़ने की आशा है. इससे स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा. उत्तरकाशी जिले के गंगोत्री और तिब्बत के पुराने मार्ग गरतांग गली को जोडते हुए लंका नामक जगह पर सिक्योर हिमालयन प्रोजेक्ट के तहत स्नो लेपर्ड कंजर्वेशन ईको टूरिज्म सेंटर काम तेजी से चल रहा है. इस प्रोजेक्ट के तहत उच्च हिमालयी क्षेत्र सहित गंगोत्री, उत्तरकाशी सहित कोविंद में विचरण करते हुए स्नो लेपर्ड के बारे में जानकारी को पर्यटकों के साथ साझा किया जाएगा.
उत्तरकाशी के डीएफओ सन्दीप कुमार बताते हैं कि इस कंजर्वेशन सेंटर में स्थानीय संस्कृति और पर्यटन से जुड़ी हुई तमाम गतिविधियां भी दर्शाई जाएंगी. पर्यटकों को स्नो लेपर्ड के निवास स्थल के पारिस्थितिकीय तंत्र के बारे में भी बताया जाएगा. मुख्य वन संरक्षक गढ़वाल, सुशांत पटनायक बताते हैं कि सिक्योर हिमालय परियोजना के तहत लंका में बन रहे स्नो लेपर्ड कंजर्वेशन सेंटर एशिया का पहला कंजर्वेशन सेंटर है और यह उत्तराखंड के लिए बहुत बड़ी सौगात है. स्नो लेपर्ड कंजर्वेशन सेंटर के अंतर्गत स्नो लेपर्ड के रहन-सहन खान-पान और भौगोलिक जानकारी इस सेंटर में मिल पाएगी. यहां आने वाले पर्यटकों को स्नो लेपर्ड के रहने और विचरण करने की जगह के बारे में भी बताया जाएगा और ट्रेकिंग करवाई जाएगी.
पटनायक बताते हैं कि अभी तक स्नो लेपर्ड की गणना नहीं हुई है लेकिन कई बार स्नो लेपर्ड वन विभाग के लगाए गए सीसीटीवी कैमरा में देखा गया है. आने वाले समय में यह कंजर्वेशन सेंटर स्नो लेपर्ड्स के बारे में और जानने के बारे में महत्वपूर्ण साबित होगा.