बलुआकोट। राजकीय महाविद्यालय बलुवाकोट में पर्यावरण प्रकोष्ठ समिति के नेतृत्व में एकल प्लास्टिक उपयोग एवं दुष्प्रभाव पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुवात प्रभारी प्राचार्य डॉ अतुल चंद ने दीप प्रज्ज्वलन करने के साथ किया।
कार्यक्रम में मुख्यवक्ता डॉ गीतांजलि मिश्रा ने प्लास्टिक के संरचना, बढ़ते उपयोग एवं समस्या पर व्यापक वक्तव्य दिया। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक 6 प्रकार के होते हैं इसमें से सबसे पतला और व श्रेणी का प्लास्टिक सर्वाधिक नुकसानदायक होता है ।
डॉ चंद्रा नबियाल ने विभिन्न एहतियातों को अपनाने और धीरे धीरे प्लास्टिक के उपयोग में कमी लाने के बारे में विद्यार्थियों को अवगत कराया। डॉ डीएन भट्ट ने साहित्यिक अंदाज में पर्यावरण में दिनों दिन बढ़ती समस्या और उसके वचाव जैसे पहलुओं पर व्याख्यान दिया।
उसके बाद प्रभारी प्राचार्य डॉ अतुल चंद ने समसामयिक समय मे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसके कानूनी प्रावधानों संबंधित जानकारियों को विद्यार्थियों के बीच रखा उन्होंने बताया कि 40 माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक सिंगल यूज प्लास्टिक कहे जाते हैं इन से पर्यावरण एवं मानव जीवन को बहुत अधिक नुकसान होता है क्योंकि यह आसानी से री साइकिल नहीं होते हैं।
प्लास्टिक में कैंसर कारक तत्व भी पाए जाते हैं। विश्व में 40 देशों में प्लास्टिक के पूर्ण रूप से प्रतिबंध लग चुका है आयरलैंड और केन्या में बहुत ही कड़े प्रतिबंध हैं केन्या में जुर्माना के साथ-साथ कैद का भी प्रावधान किया गया है आयरलैंड में प्लास्टिक के हर बेड पर 15 यूरो सेंट का टैक्स लगाया गया। इससे वहां 1 साल में ही 95 प्रतिशत तक सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग कमी आय कनाडा के हेलीफैक्स शहर में प्लास्टिक कचरे करण इमरजेंसी भी लगानी पड़ गई थी उन्होंने सभी को सिंगल उस प्लास्टिक से दूर रहने और प्लास्टिक मुक्त भारत बनाने का आवाह्न किया।
कार्यक्रम का संचालन डॉ आर.के.तिवारी तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ सन्दीप कुमार ने किया।संगोष्ठी में उपस्थित समस्त छात्र छात्राओं ने सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने का करने संकल्प लिया कार्यक्रम के दौरान डॉ जे.एस. कठायत, डॉ नवीन कुमार, श्री ईश्वर सिंह गंडी,विकाश, मनोज, अनीता, आशा,देवकी आदि मौजूद रहे।