नरेन्द्रनगर। किसी वस्तु के माइक्रोस्कोपिक कणों कि ऊर्जा समय पर स्थिति तथा संवेग की दशा को पूरी तरह से मापना संभव नहीं है। उक्त वक्तव्य हाइजेनबर्ग की अनिश्चितता के सिद्धांत के अनुसार डा० रश्मि उनियाल ने भौतिक विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित संगोष्ठी में व्यक्त किए।
उल्लेखनीय है कि राजकीय महाविद्यालय नरेंद्र नगर की सेमिनार एवं एकेडमिक क्रियाकलाप समिति की प्रेरणा से महाविद्यालय के विभिन्न विभागों में विभिन्न अकादमिक क्रियाकलापों को किया जा रहा है।
शैक्षिक उन्नयन की दिशा में भौतिक विभाग के छात्रों द्वारा आयोजित इस संगोष्ठी का विषय हाइजेनबर्ग का अनिश्चितता का सिद्धांत था, जिसमें भौतिक विज्ञान के छात्रों ने प्रतिभाग किया एवं अंतरक्रिया के माध्यम से संगोष्ठी विषय पर आधारित विभिन्न प्रश्नों के माध्यम से अपनी बौद्धिक भूख को शांत किया।
बीएससी तृतीय वर्ष के छात्र अंशुल ने संगोष्ठी में प्रतिभाग करते हुए कहा कि माइक्रोस्कोपिक कणों की स्थिति तथा रेखीय संवेग को एक साथ मापन की हमेशा एक निम्न सीमा होती है।
कॉलेज की प्राध्यापक डा० विक्रम सिंह बर्त्वाल ने संगोष्ठी के आयोजन के लिए भौतिक विज्ञान के छात्रों को बधाई दी एवं शैक्षिक उन्नयन के लिए इस प्रकार की कार्यक्रमों को आवश्यक बताया।
इस अवसर पर डॉक्टर राजपाल रावत डॉक्टर नताशा डॉक्टर ईरा सिंह डॉक्टर सृचना सचदेवा डा० हिमांशु जोशी, छात्रा रिया भंडारी, सरिता, शिवचरण, कार्तिकेय एवं बड़ी संख्या में विज्ञान वर्ग के छात्र उपस्थित रहे।