नैनीताल। कमजोर सरकार और बेपरवाह प्रशासन के कारण उत्तराखण्ड ताकतवर और कानून से बेपरवाह रसूखदारों की ऐशगाह बनता जा रहा हैं। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने आरोप लगाया कि अभी अंकिता कि चिता की अग्नि शांत भी नहीं हुई थी कि अल्मोड़ा के डांडा कांडा में दिल्ली के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी प्रेमनाथ द्वारा नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म के प्रयास ने उत्तराखण्ड की कानून और प्रशासनिक व्यवस्था पर प्रश्न खड़ा कर दिया है।
उन्होंने कहा कि इससे पहले उत्तरकाशी जिले में भी सितंबर के महीने में एक नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म हुआ था। यशपाल आर्य ने चिंता जाहिर करते हुए कहते है कि इन तीनों घटनाओं में कई समानताएं हैं। सबसे पहले ये सभी जघन्य अपराध राजस्व पुलिस के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में हुए हैं। दूसरा इन तीनों ही मामलों में मुकदमा दर्ज करने मे दंेरी हुई है। इन तीनों ही मामलों में अपराधी पक्ष रसूखदार ओर ताकतवर था। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड के पर्वतीय जिलों का बड़ा हिस्सा राजस्व पुलिस के अधीन आता हैं। इन तीनों आपराधिक घटनाओं ने सिद्ध कर दिया है कि इन क्षेत्रों में अराजकता का माहौल है।
अल्मोडा़ के डांडा कांडा मामले के बारे में बताते हुए यशपाल आर्य ने कहा कि नाबालिग लड़की की मां को जैसे ही घटना का पता चला, उसने राजस्व पुलिस अधिकारी क्षेत्रीय पटवारी से संपर्क कर कानूनी कार्यवाही करने की मांग की, लेकिन पटवारी ने कोई कार्यवाही नही की। साफ है कि आरोपी एक उच्च पद पर बैठा ताकतवर अधिकारी हैं। बाद में उच्च अधिकारियों के पास जाने के बाद मामले में मुकदमा दर्ज हो पाया।