हरिद्वार। USA के कैलिफोर्निया की जंगल में भीषण आग के बाद उत्तराखंड का वन विभाग भी अलर्ट हो गया है। अगले फायर सीजन को लेकर एक तरफ जहां वन विभाग और आपदा विभाग के अधिकारी लगातार बैठक कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ राजाजी टाईगर रिजर्व में दो दिन का वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इस वर्कशॉप में कॉर्बेट की एक टीम ने भी शिरकत की। वर्कशॉप में राजाजी टाइगर रिजर्व के अधिकारियों के द्वारा पिछले कुछ सालों में वनाग्नि को रोकथाम के लिए बेहतर प्रबंधन के बारे में पार्टिसिपेंट को बताया गया। इस दौरान राजाजी रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर ने प्रतिभागियों को राजाजी में पिछले कुछ सालों में वनाग्नि पर काबू पाने की तरकीब के बारे में बताया।
यह वर्कशॉप राजाजी टाईगर रिजर्व की चीला रेंज के इण्टरप्रिटेशन सेंटर चीला में अयोजित किया गया। जिसमें वन अग्नि व जल प्रबन्धन से सम्बन्धित दो दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया।
गौरतलब है कि पिछले वर्षो में राजाजी टाईगर रिजर्व में वनाग्नि तथा जल प्रबंधन की सफलता को देखते हुये, कार्बेट टाइगर रिजर्व, लैंसडाउन वन प्रभाग तथा हरिद्वार वन प्रभाग के कर्मचारियों ने इस प्रशिक्षण में प्रतिभाग किया।वर्कशॉप के पहले दिन प्रतिभागियों को राजाजी टाईगर रिजर्व में वन अग्नि व जल प्रबन्धन की सफलता केके सम्बन्ध में Power Point Presentation के द्वारा विस्तारपूर्वक अवगत कराया गया।
राजाजी वानाग्नि प्रबंधन मॉडल
कार्याशाला में प्रतिभागियों को बताया गया कि वनाग्नि प्रबन्धन में सर्वप्रथम GIS तकनीक के माध्यम से पिछले वर्षों के फॉरेस्ट फायर अलर्ट का अध्ययन किया गया। इसी आधार पर संवेदनशील क्षेत्रों तथा वनाग्नि के स्टार्टिंग क्षेत्रों को चिन्हित किया गया।
इस प्रबंधन में WhatsApp Groups तथा Wireless System के माध्यम से फील्ड स्टाफ तथा राजाजी टाइगर रिजर्व के मुख्य कार्यालय में नव स्थापित GIS Based Forest Fire Monitoring cell के मध्य सूचनाओं के आदान-प्रदान की नई व्यवस्था स्थापित की गई। जिसके द्वारा वनाग्नि प्रबन्धन से सम्बधित सभी कार्यवाही की जानकारी Real Time में प्राप्त होती थी तथा अग्रिम कार्यवाही हेतु निर्देश भी तत्काल प्रदान किये जाते थे।
संवेदनशील क्षेत्रों की मॉनिटरिंग के लिये ड्रोन का भी प्रयोग किया गया। वर्ष 2024 के फायर सीजन में राजाजी टाइगर रिजर्व द्वारा फायर फाइटिंग टीमों का भी गठन किया गया। जिन्हें First aid kit, Leaf Blower, Torch, Power Bank, Wireless Handset, Fire Rake, आदि उपकरण उपलब्ध करायें गये।
वर्ष 2024 के वनाग्नि काल में नासा के SNPP VIIRS सैटेलाईट के फायर अर्ट्स के सम्बन्ध में वर्ष 2012 से 2023 तक के उपलब्ध डाटा के औसत (250 फायर अलर्ट) के तुलना में राजाजी टाइगर रिजर्व के अन्तर्गत मात्र 94 फायर अर्ट्स ही प्राप्त हुये। यानि इस दौरान औसतन 63 प्रतिशत कम फायर अलर्ट प्राप्त हुए। इसके अतिरिक्त वर्कशॉप में प्रतिभागियों को नक्शे पढ़ने, फायर लाइन व बटियाओं को साफ रखने तथा एप्रोच मार्ग की मैपिंग का महत्व भी बताया गया।