देहरादून। प्रशिक्षित बेरोजगार डिप्लोमा फार्मासिस्ट महासंघ का धरना 20वें दिन भी जारी रहा। गौरतलब है प्रशिक्षित बेरोजगार डिप्लोमा फार्मास्टि महासंघ अपनी 14 सूत्री मांगों को लेकर धरने पर है। लेकिन सरकार की ओर से अभी तक उनकी 14 सूत्री मांगों को लेकर कोरे आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला है।
महासंघ का कहना है कि जब तक उनकी मांगों को लेकर शासनादेश जारी नहीं होता तब तक वे धरने पर बैठे रहेंगे। वहीं अब महासंघ को विभिन्न संगठनों का समर्थन मिलने लगा है। सोमवार को रोजगार फार्मासिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रताप सिंह पंवार एकता बिहार धरना स्थल पर पहुंचे और महासंघ के इस आंदोालन का पूर्ण समर्थन दिया। प्रताप सिंह पंवार ने कहा कि यदि सरकार जनहित में आईपीएचएस मानकों में शिथिलिता प्रदान नहीं करता तो रोजगार फार्मासिस्ट संघ भी बेरोजगार डिप्लोमा फार्मासिस्ट महासंघ के समर्थन में आंदोलन करेगा।
वहीं आल इण्डिया फार्मासिस्ट फेडरेशन ने प्रशिक्षित बेरोजगार डिप्लोमा फामासिस्ट महासंघ को अपना पूर्ण समर्थन दिया है। फेडरेशन ने प्रदेश के मुख्यमंत्री, मुख्यसचिव और स्वास्थ्य निदेशक को पत्र भेजकर आईपीएचएस मानकों को शिथिलता प्रदान करने की गुजारिश की है। उन्होंने कहा कि आईपीएचएस मानकों की आड़ में फार्मासिस्टों के पदों को समाप्त करने से उत्तराखण्ड जैसे पर्वतीय राज्य में जनस्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ेगा।
बेरोजगार फार्मासिस्ट संघ के टिहरी ईकाई के मीडिया प्रभारी हरिप्रकाश सेनवाल ने कहा कि 14 सूत्री मांगों को लेकर महासंघ लगातार जनसमर्थन जुटा रहा है। इसी सिलसिले में महासंघ के प्रतिनिधिमण्डल ने कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत और सुबोध उनियाल से भी मुलाकात की और फार्मासिस्ट के इस मसले को केबिनेट में रखे जानें पर पूर्ण समर्थन की गुजारिश की है।
महासंघ के अध्यक्ष महादेव गौड़ कहते है कि अभी तक सरकार के किसी जिम्मेदार द्वारा धरनास्थल पर आकर बेरोजगारों फार्मासिस्टों की कोई सुध नहीं ली गई है, यह सरकार में बैठे जिम्मेदारों की संवेदनहीनता को दर्शाता है।
हालांकि बीते 30 अगस्त को स्वास्थ्य मंत्री की ओर से बुलाई गई संयुक्त वार्ता में आईपीएचएस मानकों में शिथिलता प्रदान करने के सम्बन्घ में प्रस्ताव को केबिनेट में लाए जानें का निर्देश दिया गया है। इधर फार्मासिस्टों का आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है। महासंघ का कहना है कि यदि सरकार की तरफ से जल्द ही 14 सूत्रीय मांगों को लेकर सकारात्मक कार्यवाही नहीं की जाती, तो महासंघ उग्र आंदोलन के लिए विवश हो जायेगा।
20वें दिन धरने देने वालों में जय प्रकाश, सुरेश, शिवराज, नवनीत,योगेश सुनील, संदीप, जितेंद्र, रमेश, जगदीश, रवि पाल,राकेश, अलीशा, कृष्णा,संतोष,संजीव, अरुण आदि उपस्थित रहे।