Home उत्तराखंड बड़ा खुलासाः शिक्षा माफिया साजिशन कर रहे हैं यूटीयू के खिलाफ दुष्प्रचार

बड़ा खुलासाः शिक्षा माफिया साजिशन कर रहे हैं यूटीयू के खिलाफ दुष्प्रचार

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देहरादून। उत्तराखण्ड तकनीकी विवि में किसी भी तरह की अनियमितताओं के आरोपों को विवि के कुलपति ने बेबुनियाद बताया है। बुधवार को विवि के कुलपति ओंकार सिंह ने प्रेस वार्ता कर कहा कि कुछ लोग विवि की छवि को धूमिल करने के मकसद से विवि के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे हैं। बता दें कि पिछले दिनों विवि में ईआरपी एवं यूएमएस पोर्टल में करोड़ों के घपले के आरोप लगाए गये थे और मीडिया में भी इसकी खबरें प्रकाशित हुई थी। बता दें सोमवार को डीएवी के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल की अगुवाई में छात्रों ने इसको लेकर विवि में हंगामा भी किया।

कुलपति ओंकार सिंह ने कहा कि विवि में जो भी कार्य होता है वे विवि अधिनियम में दी गई शक्तियों और राज्य सरकार द्वारा निर्धारित व्यवस्था के तहत होता है। बताया कि विवि में डिजिटलकरण की कार्रवाई नवम्बर 2022 से शुरू की गई इसके तहत यूएमएस पोर्टल को आवश्यकतानुसार विकसित करते हुए क्रियाशील किया गया। यूएमएस पोर्टल के अंतर्गत छात्रों के लिए एकल खिड़की प्रवेश, पंजीकरण, छात्र उपस्थिति मॉनीटरिंग, परीक्षा आवेदन, ऑन स्क्रीन मूल्यांकन, परीक्षाफल निर्माण व घोषणा की कार्रवाही की जा रही है।

उन्होंने बताया कि दून बिजनेस स्कूल के एक छात्र जिसका नाम इंगित करते हुए छदम नाम से शिकायत की गई, ने नवम्बर 2022 से पूर्व के डाटाबेस में बैकपेपर न दर्शाये जाने के कारण निर्गत त्रटिपूर्ण परीक्षाफल के परिप्रेक्ष्य में तत्काल विवि द्वारा परीक्षा सुधार के उपरांत बैक पेपर की ससमय परीक्षा दे दी थी। उन्होंने कहा कि इस छात्र के नाम को लिखते हुए किया गया प्रचार भ्रामक एवं बेबुनियाद है।

उन्होंने ईआरपी और यूएमएस पोर्टल के निर्माण में हुए करोड़ों के घपले के आरोपों को भी आधारहीन बताया। कहा कि जिस कम्पनी को विवि ने ईआरपी और यूआरएम पोर्टल के निर्माण का कार्य दिया, वह पूरे नियमों का पालन करते हुए दिया गया है।

कुलपति ओंकार सिंह ने कहा कि यूएमएस पोर्टल के बाद विवि एवं सम्बद्ध संस्थानों में शैक्षणिक अनुशासन स्थापित करने में सहायता मिली है। विवि के कार्यो में पूर्ण पारदर्शिता आई है। छात्रों के प्रवेश से लेकर दीक्षांत समारोह के सारे क्रिया कलाप इस पोर्टल के माध्यम से सफलतापूर्वक किये जा रहे हैं।
उन्होंने अंदेशा व्यक्त करते हुए कहा कि शायद शिक्षा माफियाओं  यही बात नागवार गुजर रही है। और बौखलाहट में आकर वे इस विवि के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे हैं।

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