देहरादून। इंडियन नर्सिंग कौंसिल ने सुभारती के नर्सिंग कोर्स का नाम अपनी वेबसाइट से हटा दिया है और गत वर्ष और इस वर्ष के मान्यता प्राप्त इंस्टिट्यूट की लिस्ट में से सुभारती का नाम हटा दिया गया है।
पूर्व में भी पेरामेडिकल कौंसिल द्वारा आरटीआई के तहत जानकारी दी गई थी कि इस संस्थान को नर्सिंग एवं परामैडिकल की मान्यता नहीं दी गई है । यही नहीं उच्च न्यायालय ने भी उक्त संबंधित केंद्रीय एवं राज्य कौंसिल को इस संस्था के खिलाफ़ कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश दिए थे जिस पर संस्थान से केंद्रीय कौंसिल एवं राज्य सरकार को लिखित में दिया था कि संस्था यह कोर्स बंद कर रही है। पर ना तो हाई कोर्ट के आदेश का पालन किया और ना ही कोर्स बंद किए, उल्टा छात्रों एवं अभिभावकों को गुमराह कर कोर्स चला रहे है।
यूजीसी ने आरटीआई के माध्यम से बताया कि सुभारती के किसी कोर्स को उनके द्वारा मान्यता नहीं दो गई है और ना ही संस्था ने यूजीसी के मानको को पूर्ण किया है।
एमबीबीएस कोर्स की जांच एनएमसी में बैठ गई है और फर्जीवाड़ा करके मान्यता लेने के चलते कभी भी मुकदमा दर्ज हो सकता है। आपको बता दे कि इससे जुड़े प्रकरण में दो दिन पूर्व ही सीजेएम कोर्ट देहरादून ने अपर सचिव अरुणेंद्र सिंह चौहान, वित नियंत्रक विवेक स्वरूप, अपर जिलाधिकारी देहरादून के के मिश्रा और निदेशक चिकित्सा शिक्षा के विरुद्ध जांच के आदेश दिए है। माना यह जा रहा है कि सरकार की छवि ख़राब करने के चलते राज्य सरकार इन चारों अधिकारियों को हटा सकती है।
