कीर्तिनगर। क्वीली गांव के रहने वाले उपेन्द्र सिंह भण्डारी क्षेत्र में युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बन गए हैं। उन्होंने बागवानी को स्वरोजगार का जरिया बनाया। और आज वे आधुनिक तकनीकी के जरिये पॉली हाउस में साग-सब्जियों को उत्पादन का अच्छी आय अर्जित कर रहे हैं।
काश्तकार उपेंद्र सिंह बताते है कि वे वे परिवार समेत दिल्ली में रहते थे। और वहां कैटरिंग का काम किया करते थे। लेकिन कोरोना काल में लॉकडाउन के चलते उन्हें वापस अपने गांव क्वीली आना पड़ा। उनके पास अब रोजगार का कोई जरिया नहीं बचा था। लिहाजा उन्होंने गांव में ही खेती-बाड़ी को रोजगार का जरिया बनाने की सोची। और इसके लिए उन्होंने उद्यान विभाग से सम्पर्क किया। जिसके पर उद्यान विभाग की सहायता से पॉली हाउस लगाया।
काश्तकार उपेंद्र की मेहनत रंग लाई और उनकी मेहनत का नतीजा ये है आज उनके पॉलीहाउस में शिमला मिर्च, बैंगन, टमाटर, फूलगोभी, सब्जियों का उत्पादन किया जा रहा है। आस-पास के क्षेत्रों उनके पॉली हाउस से उत्पादित सब्जियों की खूब मांग है। उपेंद्र बताते है की बागवानी के साथ साथ उन्होंने निम्बू, मौसमी के पेड़ लगाए है। उन्होंने कहा कि उद्यान विभाग कीर्तिनगर की सहायता और सलाह से ये सबकुछ संभव हो पाया है। और आज वे अपने गांव में रहकर ही अच्छी आमदनी कमा रहे हैं।