Home उत्तराखंड सीएम धामी ने समझा पौड़ी का दर्द, पौड़ी के सर्वागीण विकास के...

सीएम धामी ने समझा पौड़ी का दर्द, पौड़ी के सर्वागीण विकास के लिए विशेष कार्य योजना बनाये जाने के दिए निर्देश

84
0
#image_title

देहरादून। मुख्यमन्त्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा दिनांक 12 एवं 13 फरवरी 2023 को गढ़वाल मण्डल में मुख्यालय पौड़ी का सघन दौरा किया गया। इस दौरान जहां एक और मुख्यमन्त्री पुष्कर धामी ने अन्त्योदय निःशुल्क गैस रिफिल योजना का पूरे प्रदेश में एक साथ शुभारम्भ करने हेतु पौड़ी को चुना गया, वहीं दूसरी और करोड़ों की लागत के विभिन्न विभागीय योजनाओं का शुभारम्भ एवं लोकार्पण भी किया
मुख्यमन्त्री ने पौड़ी क्षेत्र के विकास के लिए कई घोषणा भी की गयी। साथ ही पौड़ी की निरन्तर हुई उपेक्षा के दर्द को गहराई से महसूस किया गया।

14 फरवरी को पौड़ी दौरे के अवसर पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा करते हुए मुख्यमन्त्री धामी ने पौड़ी के ऐतिहासिक एवं पौराणिक महत्व के साथ-साथ प्राकृतिक सुन्दरता की और अधिकारियों का ध्यान आकर्षित किया और पौड़ी के सर्वागीण विकास के लिए विशेष कार्य योजना बनाये जाने के निर्देश दिये। साथ ही पौड़ी के गढ़वाल मण्डल मुख्यालय होने के बावजूद मण्डलीय स्तरीय कार्यालयों का मण्डल मुख्यालय से संचालित न होने का संज्ञान लेते हुए सचिव, मा० मुख्यमन्त्री/ जनपद के प्रभारी सचिव को निर्देशित किया है कि एक सप्ताह में अध्ययन करके यह रिपोर्ट प्रस्तुत करें कि कौन-कौन से ऐसे मण्डल स्तरीय कार्यालय है, जिनका कार्यालय भवन पौड़ी में स्थापित है या स्थापित होना चाहिए और उनका संचालन मण्डल कार्यालय से न होकर राजधानी देहरादून या अन्यत्र से हो रहा है।

उल्लेखनीय है कि ऐतिहासिक दृष्टि से प्रशासनिक रूप से पौड़ी का विशेष महत्व रहा है और इसी ऐतिहासिकता की दृष्टि से पौड़ी को गढ़वाल मण्डल का मण्डल मुख्यालय बनाया गया। समय के साथ पौड़ी से धीरे-धीरे मण्डल स्तरीय कार्यालयों का देहरादून या अन्यन्त्र स्थानों से संचालित होने की परम्परा शुरू हुई, जिससे पौड़ी मण्डल मुख्यालय का महत्व कम होने लगा।

मुख्यमन्त्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा पौड़ी की इस पीड़ा को महसूस किया है और पौड़ी का भ्रमण खत्म होने के तत्काल बाद ही राजधानी देहरादून में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ पौड़ी के विकास की कार्य-योजना के साथ-साथ पौड़ी की ऐतिहासिकता और गौरव को पुनः स्थापित किये जाने की आवश्यकता पर कार्यवाही करने के निर्देश दिये हैं। मुख्यमन्त्री के इस प्रयास से उम्मीद की जानी चाहिए कि आने वाले वर्षों में पौड़ी अपने गौरव को पुनः प्राप्त कर सकेगा।

Previous articleऋषिकेश एवं चम्पावत में रिवर राफ्ट गाइड प्रशिक्षण शिविर का समापन
Next articleचंपावत: श्यामलाताल में 13 साल बाद चार पैडल बोट के साथ फिर शुरू हुआ नौका विहार

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here