देहरादून। उत्तराखण्ड सीएम हेल्पलाइन यानि 1905 पर आमजन की शिकायतों का समय पर निस्तारण नहीं हो पा रहा है। आम जन की शिकायतों महज एल-1, एल-2 और एल-3 के फेर में ही फंसी हैं। पहले आम जनता को अपनी समस्याओं के समाधानं के लिए विभागों को चक्कर काटने पड़ते थे। इसको देखते हुए त्रिवेन्द्र रावत की अगुवाई वाली भाजपा सरकार ने 29 फरवरी साल 2019 को सीएम हेल्पलाइन का शुभारम्भ किया था। बताया गया था कि इस हेल्पलाइन के माध्यम से आम जनता अपनी समस्या को सीधे सरकार तक पहुंचा सकता है। और आम जन की शिकायत का त्वरित समाधान किया जाएगा।
लेकिन इसके इतर सीएम हेल्पलाइन अपने इस मकसद में कामयाब होता नहीं दिख रहा है। सीएम हेल्पलाइन में दर्ज शिकायतों का साल दो साल बीत जाने पर भी निस्तारण नहीं हो रहा है। कई मर्तबा तो शिकायत कर्ता को अपनी शिकायत ही वापस लेनी पड़ जाती है।
हालांकि हाल ही में प्रदेश के मुखिया पुष्कर सिंह धामी ने सीएम हेल्पलाइन के नये प्रारूप का शुभाम्भ किया। अब आमजन 24 घंटे सीएम हेल्पलाइन में अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इसके लिए अलावा शिकायतों के आधार पर विभागों की रेंटिंग की बात कही गई हैं। इसके अलावा 15 दिन के भीतर शिकायत का निस्तारण ना होने पर इसका अलर्ट उच्चाधिकारी को चला जाएगा। एल-1 अधिकारी को अब हर हाल में शिकायत का निस्तारण करना होगा। लेकिन बावजूद भी लचर व्यवस्था के चलते आम जनता की शिकायतों का निस्तारण नहीं हो पा रहा है।
ताजा मामला कीर्तिनगर विकासखण्ड के कपरौली गांव का है। हालांकि कोई ये कोई इकलौता मामला नहीं हैं। इस गांव के रहने वाले कुलदीप ने 9 दिसम्बर 2021 को सीएम हेल्पलाइन में अपनी शिकायत दर्ज कराई लेकिन तकरीबन दो साल बीत जाने के बाद भी उनकी शिकायत का निस्तारण नहीं हो पाया है। कुलदीप बताते हैं शिकायत का निस्तारण तो नहीं हो पाया है लेकिन सम्बन्घित विभाग के अधिकारी उनको फोन कर कहते हैं कि अपनी शिकायत वापस ले ले, इस मामले में कुछ नहीं होने वाला है।
कुलदीप बताते हैं 9 दिसम्बर 2021 को उन्होंने सीएम हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज कराई थी जिसमें उन्होंने बताया कि ग्राम कपरोली कनाकोट टिहरी गढ़वाल में जल जीवन मिशन के तहत पानी के कनेक्शन दिए गये, लेकिन गांव में किसी घर में पानी आ रहा है और किसी घर में पानी नहीं आ रहा है जिससे गांव में पेयजल की समस्या बनी हुई है। जिसकी शिकायत उन्होंने सीएम हेल्पलाइन में की है। और समाधान का इंतजार हीं कर रहे हैं।