देहरादून। हाल ही में हुए बिजली दरों में बढ़ोतरी के विरोध में कांग्रेस लगातार मुखर है। कांग्रेस का कहना है कि बिजली दरों में वृद्धि में नियमों का ख्याल नहीं रखा गया। बिजली दरों में बढोतरी मनमाने तरीके से की गई है। कांग्रेस का कहना है कि विद्युत नियामक आयोग तीन सदस्यों वाली संस्था है। आयोग में अध्यक्ष का पद खाली है एवं लम्बे समय से विधि विशेषज्ञ का पद में रिक्त पड़ा है। तकनीकी विशेषज्ञ पद पर ही एक सदस्य है।
बिजली दरों में हुई बढ़ोतरी पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट ने कहा कि आयोग ने नियमों से परे मनमाने तरीके से बिजली की दरों को बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि आखिर चुनाव आचार संहिता के बीच मनमाने तरीके से अचानक बिजली की दरें बढ़ाने की ऐसी क्या मजबूरी थी कि दो सदस्यों की नियुक्ति का भी इंतजार नहीं किया गया? विद्युत नियामक आयोग बिना अध्यक्ष और विधि विशेषज्ञ के कैसे इतना बड़ा फैसला ले सकता है?
प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट ने विद्युत नियामक आयोग की इस मनमाने फैसले पर आक्रोश प्रकट करते हुए कहा कि ये पहले से ही महंगाई के बोझ से दबी जनता के सिर पर और मंहगाई का बोझ डालने वाला फैसला बताया।
उन्होंने कहा कि आदर्श आचार संहिता लागू है और बिना चुनाव आयोग की अनुमति लिए बिना कोई नीतिगत निर्णय नही लिया जा सकता है मगर फिर भी जल्दबाजी में इतना बड़ा फैसला एक सदस्य के दम पर ले लिया गया जो कई सवाल खड़े करता। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अपनी गलतियों को सुधारने की जगह महंगाई बढ़ाने वाले मनमाने फैसले कर रही है जो सरासर गलत व जन विरोधी निर्णय है।
प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट ने सरकार से बिजली की दरों में की गई वृद्धि पर पुनर्विचार करने व इस फैसले को तत्काल वापस लेने की मांग की है।
