देहरादून। सोमवार को प्रशिक्षित बेरोजगार डिप्लोमा फार्मासिस्ट महासंघ ने अपनी 14 सूत्री मांगों को लेकर सचिवालय में प्रदर्शन किया। डिप्लोमा फार्मासिस्ट जिम्मेदार हर मंच पर अपनी आवाज पहुंचा रहे हैं। गौरतलब है कि बेरोजगार डिप्लोमा फार्मासिस्ट 19 तारीख से अपनी मागों को लेकर लगातार धरने में पर है। इससे पहले बेरोजगार फार्मासिस्टों ने स्वास्थ्य महानिदेशालय पर भी प्रदर्शन किया। बीते रविवार को आईपीएचएस मानकों में शिथिलता प्रदान करने और दूसरी 14 सूत्री मांगों को लेकर स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत के कैम्प कार्यालय पर भी प्रदर्शन किया।
बेरोजगार फार्मासिस्टों का आरोप है कि स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने उनसे बात करना भी उचित नहीं समझा। उन्होंने कहा कि इससे साबित होता है कि सत्ता में बैठे जिम्मेदार सत्ता के अहंकार में कितने डूबे हुए हैं। सचिवालय में प्रर्दशन करने वाले फार्मासिस्ट संघ के पदाधिकारियों का कहना है प्रदेश में मंत्री हो या सचिवालय में बैठे बड़े अफसर उनकी मांगों पर विचार करना तो दूर उनकी मांगों को सुनने तक तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि मंत्री और अफसरों का यही आलम रहा तो वे उन्हें जगाने के लिए एक बड़ा आंदोलन करेंगे।
बेरोजगार फार्मासिस्टों ने आईपीएचएस मानकों में शिथिलता बरतने और दूसरी 14 सूत्री मांगों को लेकर गत 19 अगस्त से बेमियादी धरने पर है। प्रशिक्षित बेरोजगार डिप्लोमा फार्मासिस्ट से बार आर-पार की लड़ाई के मूड में है। महासंघ का कहना है मांगे ना माने जाने बेरोजगार फार्मासिस्ट लगातार धरना प्रदर्शन करते रहेंगे। महासंघ का कहने है कि यदि इसके बावजूद सरकार नहीं चेती तो वे बड़े आंदोलन करने को मजबूर हो जाएंगे।
महासंघ अध्यक्ष महादेव गौड़ ने कहा कि सरकार आईपीएचएस मानको का हवाला देकर को फार्मासिस्ट के रिक्त पदों पर भर्ती से साफ इनकार कर रही है। जिससे बेरोजगार फार्मासिस्ट में रोष व्याप्त है। उन्होंने कहा कि आज दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में जहां चिकित्सक जाने से कतराते हैं वहां फार्मासिस्ट महत्पूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। बावजूद इसके फार्मासिस्ट संवर्ग की अनदेखी की जा रही है।
उन्होंने वर्ष 2005-06 में उपकेन्द्रो पर सृजित फार्मासिस्ट के 536 पर आइपीएचएस मानकों में शिथिलता प्रदान करते हुए यथावत रखने, रिक्त पदों पर तत्काल भर्ती प्रक्रिया शुरू करने 600 उपकेन्द्रों पर संविदा के आधार पर की जा रही भर्ती के बजाय नियमित भर्ती करने, 1368 स्वास्थ्य उपकेन्द्रों पर फार्मासिस्ट के पद सृजित करने, राजकीय मेडिकल कालेजों में फार्मासिस्ट संवर्ग, पशु सेवा केन्द्रों एवं पशु चिकित्सा फार्मासिस्ट के बजाय आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से दवा वितरण के प्रस्ताव पर रोक लगाने, सभी मेडिकल स्टोर में फार्मासिस्ट की अनिवार्यता, कारागार विभाग में फार्मासिस्ट की लिखित परीक्षा निरस्त करने, वन विभाग में फार्मासिस्ट के पदो का सृजन, प्रस्तावित भेषज सेवा नियमावली में संशोधन, फार्मासिस्ट संवर्ग का पुनगर्ठन की मांग की।
इस दौरान लववीर सिंह चौहान, हरि प्रकाश सेनवाल, सुधीर रावत, शैलेन्द्र नौटियाल,रविन्द्र सिंह, विनोद धीमान, रंजन, विक्रम कुंवर, इंदु डंगवाल, अमजद खान समेत बड़ी तादाद में बेरोजगार डिप्लोमा फार्मासिस्ट मौजूद रहे।