देहरादून। आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास मंत्री डा० धनसिंह रावत ने रविवार को एसडीआरएफ के जौलीग्राट देहरादून में स्थित निर्माणाधीन मुख्यालय परिसर का स्थलीय निरीक्षण किया। इस मौके पर उन्होने एसडीआरएफ के कार्यो की समीक्षा करते हुए कोविड मरीजों की सहायता के लिए उनके द्वारा किये जा रहे प्रयासों की सराहना की।
विभागीय मंत्री डा० रावत ने जौलीग्राट पहुंचकर लगभग 23 हेक्टेयर क्षेत्रफल में निर्माणाधीन एसडीआरएफ के मुख्यालय का स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने विभागीय अधिकारियों व विभागीय निर्माण इकाई को कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिये।
डा० रावत ने कहा कि एसडीआरएफ के पास अपना भवन न होने के कारण लम्बे समय से अस्थाई व्यवस्था पर कार्यालय चलाया जा रहा है। जिस कारण एसडीआरएफ के कार्यो में व्यवधान उत्पन हो रहा है।
विभागीय मंत्री ने भवन निर्माण इकाई के अधिकारियों को 20 जुलाई 2021 तक प्रशासनिक भवन का निर्माण कार्य किसी भी दशा में पूर्ण करने के निर्देश दिये।
एसडीआरएफ की डीआईजी रिद्धिम अग्रवाल ने बताया कि जौलीग्राट स्थित बटालिन मुख्यालय में प्रथम चरण में रू0 79.20 करोड़ के कार्य स्वीकृत हैं, जिसके तहत प्रशासनिक भवन, प्रशिक्षण इकाई, मल्टी परपज हाॅल, जवानों हेतु बैरक, डाॅग कैनल, डिस्पैन्सरी, ट्रांजिट हॉस्टल, रेस्क्यू एण्ड रिलीफ स्टोर के साथ ही अधिकारियों एवं जवानों हेतु टाइप-2 से लेकर टाइप-5 श्रेणी के आवासों का निर्माण किया जाना है। उन्होंने बताया कि द्वितीय चरण में भी कुछ और कार्य होने हैं, जिसकी डीपीआर तैयार की जा रही है।
एसडीआरएफ के कमांडेन्ट नवनीत भुल्लर ने बताया कोविड महामारी से निपटने के लिए विभाग के एक एसआई को जिला स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है, जो कोरोना पीडितों को घरों में मेडिसिन किट पहुंचाने, आइसोलेशन में रह रहे पीड़ितों की मॉनिटरिंग तथा कोरोना मरीजों की मृत्यु उपरान्त दाह-संस्कार आदि कार्यों को देख रहे हैं।
इसके अतिरिक्त एसडीआरएफ द्वारा होम आइसोलेशन रह कर इलाज कर रहे कोरोना पीड़ितों को अपने चिकित्सकों के माध्यम से टेली कन्सल्टेंसी भी करायी जा रही है।
इस दौरान एसडीआरएफ के उप सेनानायक अजय भट्ट के अलावा भवन निर्माण इकाई पीआईयू के डीपीएमई विकास बर्थवाल, परियोजना प्रभारी मुकेश विनवाल, संजय गुप्ता तथा निर्माण एजेंसी के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।