देहरादून। उत्तराखंड न्यायिक सेवा सिविल जज जूनियर डिवीजन मुख्य परीक्षा- 2019 में दून की स्नेहा नारंग राणा ने पांचवा रैंक हासिल किया है। खास बात ये कि स्नेहा राणा ने यह सफलता अपने पारिवारिक दायित्वों को निभाते हुए हासिल की। स्नेहा ने लोक सेवा आयोग उत्तराखण्ड द्वारा आयोजित इस परीक्षा में पांचवा रैंक हासिल कर अपनी विलक्षण प्रतिभा का परिचय दिया है।
राष्ट्रीय स्तर की बास्केटबॉल खिलाड़ी रह चुकी हैं जज स्नेहा नारंग
जज स्नेहा नारंग राणा की प्रारंभिक शिक्षा दीक्षा देहरादून में हुई। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक किया। उसके बाद कानून की पढ़ाई और फिर एलएलएम की डिग्री हासिल की। पढ़ाई में अव्वल रहने के साथ साथ स्नेहा नारंग राणा नेशनल लेवल की बास्केटबॉल खिलाड़ी भी रह चुकी हैं। उन्होंने राष्ट्रीय स्तर की कई खेल प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया।
जज स्नेहा नारंग राणा अपनी इस सफलता श्रेय पति हरित राणा और सास आशा राणा के साथ ही पिता कृष्ण कुमार नारंग और मां बिंदिया नारंग को देती हैं। रिपब्लिक संदेश के साथ बातचीत में जज स्नेहा नारंग राणा ने बताया कि उन्हें उत्तराखंड न्यायिक सेवा सिविल जज जूनियर डिविजन की परीक्षा में चैथे प्रयास में सफलता मिली है। उन्होंने बताया कि पारिवारिक दायित्वों के बीच उन्हें जज बनने की तमन्ना थी। जिसमें उनके पति हरित राणा, सास आशा राणा ने भरपूर सहयोग दिया। जज स्नेहा नारंग ने बताया कि उनके सात साल का बेटा है, ऐसे में बच्चे के साथ ही पति समेत पूरे परिवार की देखभाल करना और परीक्षाओं की तैयारी करना आसान नहीं था। लेकिन यदि जीवन में लक्ष्य निर्धारित करने के साथ ही पूरे मनोयोग से उसे पूरा करने के लिए प्रयास किए जाएं तो सफलता जरूर मिलती है। जज स्नेहा नारंग राणा का कहना है कि लोकतंत्र में न्यायपालिका प्रमुख स्तंभ है, ऐसे में न्यायपालिका से जुड़ना न सिर्फ उनके वरन पूरे परिवार के लिए गर्व का विषय है। स्नेहा नारंग राणा का यह भी कहना है कि पीड़ित व्यक्ति को त्वरित और निष्पक्ष न्याय मिले, बतौर न्यायिक अधिकारी उनका यही पूरा प्रयास होगा।