श्रीनगर। डुंगरीपथ छातीखाल-खेड़ा मोटर मार्ग को दुरस्त कराने की मांग को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों और जनता ने एक दिवसीय सांकेतिक धरना दिया है। स्थानीय लोगों के मुताबिक डंगरीपंथ छातीखाल खेड़ाखाल मोटर मार्ग का छः साल पहले लोक निर्माण विभाग ने डामरीकरण किया था। डामरीकरण का ठेका पीडब्ल्यूडी ने वुडडील कम्पनी को दिया था। लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि कि इस मोटरमार्ग के डामरीकरण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया था। जिसके चलते ये मोटर मार्ग सालभर बाद ही गड्डो में तब्दील हो गई। स्थानीय जनता ने जिसकी शिकायत कई मर्तबा शासन-प्रशासन से कि लेकिन छः साल बीत जाने के बाद भी शासन प्रशासन इस पर चुप्पी साधे हुए है।
शासन प्रशासन कि लगातार उपेक्षा से आजिज आकर क्षेत्रीय जनता ने शुक्रवार को सौड़ तल्ला में सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान संघर्ष समिति ने एसडीएम के मार्फत मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी भेजा। ज्ञापन के जरिये ग्रामीणों ने डूंगरीपंथ छातीखाल खेड़ा खाल मोटर मार्ग का दुबारा डामरीकरण करने की मांग की।
ज्ञापन में ग्रामीणों ने छः साल पहले हुए इस मार्ग के डामरीकरण कार्य की उच्चस्तरीय जांच की मांग की एवं दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। ज्ञापन में ग्रामीणों ने ये भी बताया कि बरसात के समय जिस दिन राष्ट्रीय राजमार्ग सिरोबगड़ में बाधित हो जाता है तो इस मार्ग मोटरमार्ग को वैकल्पिक मार्ग रूप में उपयोग किया जाता है। ग्रामीणों ने मांग कि इस मार्ग पर दो जेसीबी मशीनों की व्यवस्था की जाए।
उन्होंने कहा कि यथा शीघ्र मोटर मार्ग पर मिट्टी हटवाकर, स्क्रबर तथा नालियों को खोला जाए। उन्होंने कहा कि रोड में मलबे से स्क्रबर और नालियां अवरूद्ध होने हो गई है पानी की निकासनी ना होने के चलते गदेरों का पानी गांव और खेतों की तरफ रुख कर रहा है जिससे भारी नुकसान हो का अंदेशा बना हुआ है।
गौरतलब है कि इस मोटर मार्ग के डामरीकरण की मांग को लेकर पूर्व की कांग्रेस सरकार के दौरान मौजूदा कैबिनेट मंत्री धनसिंह रावत भी धरना दे चुके हैं। ये मोटरमार्ग सभी जनप्रतिनिधियों के विकास के दावों पर भी बड़ा सवाल करती है।