देहरादून/ चमोली। शुक्रवार को जोशीमठ के भारत चीन (तिब्बत) सीमा बॉर्डर पर सुमना के पास ग्लेशियर टूटने के बाद राहत बचाव कार्य युद्ध स्तर पर शुरू हो गया है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने हेलीकॉप्टर से मौके पर पहुंच कर क्षेत्र का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में भारी बर्फबारी हुई है आईटीबीपी और आर्मी रेस्क्यू कार्य कर रही है। जहां पर ग्लेशियर टूटा है वहां पर पहुंचना काफी मुश्किल है लेकिन भारतीय सेना मौके पर पहुंचने का प्रयास कर रही है। देर शाम तक स्थिति और स्पष्ट हो जाएगी कि क्षेत्र में कितना नुकसान हुआ है।
जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने बताया कि अब तक सेना द्वारा ग्लेशियर में दबे 8 लोगों के शव निकाल लिया गया है। 6 घायलों एवं 384 अन्य लोगों का रेस्क्यू किया गया है। सेना का रेस्क्यू कार्य जारी है साथ ही इस आपदा में शुक्रवार रात से ही एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, आईटीबीपी के जवान और जिला प्रशासन की टीम भी युद्ध स्तर पर राहत व बचाव कार्य में जुटी हुई है।
इस घटना को लेकर सीएम तीरथ ने बताया कि नीति घाटी में मलारी बॉर्डर स्थित सुमना गाँव के निकट ग्लेशियर टूटने पर घटनास्थल के हवाई निरीक्षण के बाद भी वहां चल रहे रेस्क्यू कार्य की मैं लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। सुमना में जहां ग्लेशियर टूटा, वहां बीआरओ के लगभग 400 लेबर काम कर रहे थे, जिनमें से कुल 391 लोग सेना व आईटीबीपी के कैम्पों तक पहुँच गए हैं और पूरी तरह से सुरक्षित हैं। 6 मजदूरों के मारे जाने की जानकारी मिली है जबकि 4 लोग घायल हैं।
मौके पर सेना और आईटीबीपी की टीमें तत्परता से राहत बचाव कार्य में जुटी हैं। एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की कुछ टीमें भी आगे बढ़ रही हैं। जिला प्रशासन भी शुक्रवार से ही पूरी मुस्तैदी से राहत-बचाव में जुटा है। गाजियाबाद में भी एनडीआरएफ की टीमें अलर्ट मोड पर हैं।
