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पूर्व सीएम पहुंचे सीडीएस बिपिन रावत के गांव, विलक्षण प्रतिभा के धनी थे सीडीएस रावत

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सैंणा गांव। पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत 29 दिसम्बर को सीडीएस बिपिन सिंह रावत के गांव सैंणा पहुंचे। यहां उन्होंने उनके परिजनों के साथ बातचीत की। इसके साथ उन्होंने सैणा गांव के लिए मोटर मार्ग निर्माण कार्य के बारे में भी जाना। उन्होंने गाँव तक सड़क के कार्य में तेजी लाने के लिए पीडब्ल्यूडी के सचिव और चीफ इंजीनियर से फोन पर बात की। दोनों अफसरों ने सैणा गाव के मोटर मार्ग के कार्य को प्राथमिकता देने को आश्वस्त किया। सीएम त्रिवेन्द्र ने अपने कार्यकाल के दौरान इस गांव के लिए मोटर मार्ग मंजूर किया था।

सीडीएस बिपिन रावत को किया याद

पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र ने कहा कि सीडीएस रावत के नाम पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए। वे उत्तराखण्ड ही नहीं पूरे देश की धरोहर हैं। उनके नाम पर क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर संस्थान खोला जाना चाहिए। इसको लेकर उन्होंने ग्रामीणों से राय-मशिवरा भी किया। उन्होंने कहा इसके लिए वे राजनीति से परे हटकर काम करेंगे।

सीडीएस बिपिन रावत को याद करते हुए पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड उनका खास लगाव रहा। उनकी अपने पैतृक गांव में एक घर बनाने की योजना थी। वह पहाड़ियों से पलायन को लेकर चिंतित थे। उन्होंने समय-समय पर राज्य सरकार के साथ इस पर चर्चा करते थे। उनकी सलाह के बाद पहाड़ियों से पलायन को रोकने के लिए एक अलग आयोग बनाया गया। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि चीन और नेपाल के साथ सीमावर्ती राज्य होने के नाते, जनरल रावत अक्सर उत्तराखंड में पलायन के तरीकों पर चर्चा करते थे।
उन्होंने कहा कि ‘जनरल रावत ने मलारी (भारत-चीन सीमा के करीब) में एक अखरोट नर्सरी का उद्घाटन किया। वह इस बात को लेकर स्पष्ट थे कि अगर हम लोगों को गांवों में बसना चाहते हैं तो एक व्यावहारिक आजीविका मॉडल होना चाहिए।’

ग्रामीणों ने किया जोरदार स्वागत

इससे पहले सैणा गांव जाते समय रास्ते में स्थानीय ग्रामीणों ने जगह-जगह पर पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र का जोरदार स्वागत किया। इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों की समस्याओं को सुना और क्षेत्र और गांव के विकास के लिए काम करने का आश्वासन भी दिया। रिपब्लिक संदेश डाट कॉम से बातचीत करते हुए पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र ने कहा कि स्थानीय उद्योगों पर आधारित स्वरोजगार अपनाकर प्रदेश में बेरोजगारी और पलायन जैसी बड़ी समस्याओं से निपटा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री रहते इस दिशा में काम कई फैसले लिये हैं। जिसके नतीजे अब देखने को भी मिल रहा है। अब सोलर प्लांट, होमस्टे बागवानी आधारित उद्योगों को अपनाकर कर प्रदेश के कई नौजवान आज ना केवल अच्छा कमा रहे बल्कि कई परिवारों को रोजगार देने का भी काम कर रहे हैं। वे बताते हैं कि प्रदेश में पर्यटन की अपार संभावनाएं है। इस दौरान उनके साथ क्षेत्रीय विधायक ऋतु खण्डूड़ी भी मौजूद रही।

होम-स्टे का भी किया अवलोकन

क्षेत्रीय भ्रमण के दौरान यहां बिस्ताना गांव भी पहुंचे जहां क्षेत्र के नौजवान होम स्टे को स्वरोजगार के तौर पर अपनाने की तैयारी में जुटे हैं। उन्होंने कहा पर्वतीय क्षेत्रों में होम स्टे स्वरोगार का बड़ा जरिया बन सकता है। उन्होंने कहा कि होम स्टे योजना उन्होंने बतौर मुख्यमंत्री रहते शुरू किया था। विस्ताना गांव के युवा होम स्टे की शुरूआत कर रहे हैं। जिसको देखने के लिए वे यहां आये हैं।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। पहले प्रदेश पर्यटन के तौर पर चारधाम यात्रा तक सीमित था। लेकिन हमने इस तरह की नीतियां बनाई ताकि प्रदेश में बारह महीने पर्यटकों की आवक बनी रहे। उन्होंने कहा कि एडवेंचर टूरिज्म की प्रदेश में अपार संभावनाएं हैं। और हमने इस दिशा में काम किया है।

पहाड़ से विशेष लगाव

पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र के अंदर पहाड़ के प्रति खास लगाव नजर आता है। गांव में कभी-कभी वे किसी अल्लड़ बच्चे की तरह नजर आते हैं मानो वे इसी गांव के निवासी हो। कभी तिबारी में बैठ़ जाते हैं तो कभी चौक से सटे क्यारियां में मुआयना करने लगते हैं। पहाड़ से जुड़ी किस्से कहानियों का उनका पास मानो खजाना भरा हो। उत्तराखण्ड की संस्कृति और इतिहास पर उनके पास अथाह ज्ञान है। उत्तराखण्ड के विकास के लिए उनके पास कई योजनाए और नीतियां भी है।

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