देहरादून। सोमवार को दून विश्वविद्यालय देहरादून में नेशनल एजूकेशन पॉलिसी 2020 – इम्पलीमेंटेशन एंड करिकुलम डिजाइन पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का शुभारंभ उच्च शिक्षा मंत्री डॉ० धन सिंह रावत द्वारा किया गया। कार्यशाला में सभी राज्य विश्वविद्यालय के कुलपति, उच्च शिक्षा सलाहकारों, आईक्यूएसी के निदेशकों एवं वरिष्ठ प्राध्यापकों द्वारा प्रतिभाग किया जा रहा है।
कार्यक्रम का शुभारंभ उच्च शिक्षा मंत्री डॉ० धन सिंह रावत, उच्च शिक्षा सलाहकार प्रो० एम०एस०एम० रावत, डॉ० के०डी० पुरोहित, नयी शिक्षा नीति टास्क फोर्स के चौयरमेन एवं कुलपति कुमाऊँ विश्वविद्यालय प्रो० एन०के०जोशी एवं दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो० सुरेखा डंगवाल द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया। इस अवसर दून विश्वविद्यालय की छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना एवं कुलगीत की प्रस्तुति भी की गई।
कार्यक्रम के आरम्भ में कुलपति, दून विश्वविद्यालय प्रो० सुरेखा डंगवाल द्वारा उच्च शिक्षा मंत्री के साथ ही सभी अतिथियों एवं प्राध्यापकों का स्वागत करते हुए नयी शिक्षा नीति के उद्देश्यों एवं कार्यशाला के संदर्भ में प्रकाश डाला गया। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति पर सेमीनार एवं वेबीनार बहुत हो गये है। अब इसके वास्तविक कार्यान्वयन हेतु रोडमैप तैयार करना है। क्योंकि अगर क्रियान्वयन सफल तरीके से होता है तो यह नई प्रणाली भारत को विश्व के अग्रणी देशों के समकक्ष ले आएगी।
इस अवसर पर नयी शिक्षा नीति टास्क फोर्स के चौयरमेन एवं कुलपति कुमाऊँ विश्वविद्यालय प्रो० एन०के०जोशी द्वारा प्रजेंटेशन के माध्यम से राज्य में नयी शिक्षा नीति के क्रियान्वयन का रोडमैप एवं टाइमलाइन को प्रस्तुत किया गया।
उन्होंने विभिन्न राज्यों मे अपनाये गये एवं यूजीसी की गाइडलाइन के तहत क्रेडिट सिस्टम को समझाते हुए कहा कि एक वर्ष, दो वर्ष और तीन वर्ष का पाठ्यक्रम पूरा कर क्रमशरू सर्टिफिकेट, डिप्लोमा और डिग्री की व्यवस्था उच्च शिक्षा व्यवस्था में शैक्षणिक विचलन (ड्रॉप आउट) की समस्या का यह एक कारगर हल साबित होगी।
इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री डॉ० धन सिंह रावत ने कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 के जल्द क्रियान्वयन के लिए नई शिक्षा नीति टास्क फोर्स का गठन किया गया है, जिसका चौयरमेन कुलपति कुमाऊँ विश्वविद्यालय प्रो० एन०के०जोशी को बनाया गया है।
उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस नीति को जल्द अमल में लाने का रोडमैप तैयार कर टास्क फोर्स के चैयरमेन एवं कुलपति कुमाऊँ विश्वविद्यालय प्रो० एन०के०जोशी एवं उच्च शिक्षा सलाहकार सभी विश्वविद्यालयों में जाकर इस नीति के सर्वाेत्कृष्ट अनुक्रमण एवं क्रियान्वयन को प्रभावी बनाने के लिए कार्य करें।
उन्होंने कहा कि आप सभी शिक्षाविदों को प्रयास होना चाहिये कि उत्तराखंड में उच्च शिक्षा में गुणवत्तापूर्ण सुधार के प्रयास के साथ नई शिक्षा नीति का आदर्श क्रियान्वयन हो। जिससे कि राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर इसे उत्तराखंड राज्य हेतु प्रस्तुत किया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में उच्च शिक्षा के उन्नयन एवं शोध को बढावा देने हेतु सभी विश्वविद्यालयों को हर सम्भव मदद प्रदान की जायेगी।
इस अवसर पर श्री देव सुमन विश्वविद्यालय एवं उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपतियों ने भी नई शिक्षा नीति के क्रियावन्यन पर अपने सुझाव एवं तैयारी के बारे में जानकारी दी।
इस अवसर पर प्रो० हरे कृष्णा, प्रो० शेखर जोशी, प्रो० आर०पी० ममगई, प्रो० दिनेश चन्द्र गोस्वामी, डॉ० दिनेश शर्मा, प्रो० हर्ष डोभाल द्वारा नयी शिक्षा नीति पर क्रियान्वयन पर अपने विचार रखे गये।
दो दिवसीय कार्यशाला के संयोजक प्रो० एच०सी० पुरोहित एवं कुलसचिव दून विश्वविद्यालय डॉ० मंगल सिंह मंद्रवाल द्वारा सभी अतिथियों का आभार प्रकट किया गया।