हरिद्वार। धर्मनगरी हरिद्वार में अगले तीन दिन पांच संन्यासी अखाड़ों की पेशवाई का उल्लास रहेगा। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने हरिद्वार पहुंचकर पेशवाई का शुभारम्भ करते हुए कहा कि कुम्भ सनातन धर्म का बड़ा पर्व है। यह देवभूमि का सौभाग्य है कि इसका आयोजन हरिद्वार में होता। सरकार कुम्भ को दिव्य एवं भव्य बनाने के लिए कृत संकल्प है।
इस मौके सीएम त्रिवेन्द्र रावत ने पूज्य साधु संतों से आर्शीवाद लिया। साथ ही निरंजनी अखाड़े, जूना अखाड़े, महानिर्वाणी अखाड़े और अळअल अखाड़े के मंदिनों में दर्शन पूजन कर कुंभ मेले की सफलता की मंगल कामना की।
बुधवार को पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी की पेशवाई निकलने से कुंभ का भव्य स्वरूप देखने को मिला। आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि के रथ पर सवार होते ही पेशवाई की औपचारिक शुरुआत हो गई है। इससे पहले रथों को सजाया गया और पूजा-अर्चना की गई। इस बार चंद्राचार्य चैक पर भी पेशवाईयां दस्तक देंगी। वहीं, पेशवाई निकलने के दौरान सुरक्षा व्यवस्था में कुंभ पुलिस के करीब दो हजार जवान तैनात रहेंगे।
वहीं, आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि ने कहा कि कुंभ विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, जिसकी शुरुआत निरंजनी अखाड़े की पेशवाई के साथ हो रही है। हरिद्वार कुंभ दिव्य और भव्य रुप से संपन्न होगा। प्रदेश सरकार इसके लिए कोविड-19 गाइडलाइन का पालन करते हुए हर संभव तैयारी और आयोजन कर रही है।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि पेशवाई कुंभ की शुरुआत का पहला बड़ा आयोजन होता है और निरंजनी अखाड़े की पेशवाई के साथ ही कुंभ की शुरुआत हो गई है। निरंजनी अखाड़े के सचिव और मनसा देवी मंदिर के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने कहा कि पेशवाई के आरंभ के साथ ही कुंभ के आयोजन की शुरुआत हो गई है। यह दिव्य और भव्य रुप से संपन्न होगा।