देहरादून। माचिस पर भी मंहगाई की मार पड़ी है। रोजाना इस्तेमाल में आने वाली माचिस के लिए अब दुगुने दाम चुकाने होंगे। सालों से एक रुपये में मिलने वाली माचिस अब दो रूपये में मिलेगी। पहले ही देश की जनता पेट्रोल डीजल, रसोई गैस, खाने के तेल के बढ़ते दामों से हलकान है। अब माचिस भी बढ़े दामों में खरीदनी होगी। जिसने आम आदमी के घरेलू बजट में एक और सेंधमारी कर दी है।
हालांकि माचिस के दाम 14 साल के अरसे के बाद बढ़ाये गये हैं। माचिस उद्योग से जुड़े प्रतिनिधियों का कहना है कि माचिस में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल के दामों की बढ़ोतरी के चलते ये कीमतें बढ़ाई गई हैं। मीडिया से मिली खबरों के मुताबिक 2 रुपये की माचिस में 50 तीलियां होगी जबकि एक रुपये की माचिस में 35 तीलियां मिलती थी।
कच्चे माल के बढ़े दाम
माचिस उत्पादकों ने बताया कि माचिस बनाने के लिए 14 तरह के कच्चे माल का उपयोग किया जाता है। एक किलो रेड फास्फोरस के दाम 425 रुपए से बढ़कर 810 रुपए हो गए हैं। वैक्स भी 58 रुपए के बजाय अब 80 रुपए में मिलता है। आउटर बॉक्स बोर्ड के दाम 36 रुपए से 55 रुपए और इनर बॉक्स बोर्ड 32 रुपए से 58 रुपए का हो गया है।
10 अक्टूबर से बॉक्स बोर्ड, पेपर, स्प्लिंट्स, पोटेशियम क्लोरेट और सल्फर की कीमतें बढ़ गई हैं। इनके अलावा, फ्यूल की कीमतों में बढ़ोतरी ने ट्रांसपोर्ट की लागत को बढ़ा दिया है। इन सभी चीजों ने मैचबॉक्स इंडस्ट्री को दाम बढ़ाने के लिए मजबूर किया है।