कीर्तिनगर। उत्तराखण्ड इन दिनों धरना और हड़ताली प्रदेश हो चला है। सरकार की उपेक्षा से आजिज आकर जल संस्थान दैनिक भोगी कर्मचारी संगठन देवप्रयाग भी अब अल्पवेतन और दूसरी मांगों को लेकर बुधवार से धरना पर है। संगठन का आरोप है कि उनके साथ बंधुओं मजदूरों सरीखा बर्ताव किया जा रहा है। जलसंस्थान से जुड़े ये दैनिकभोगी कर्मचारी साल 2000 से काम कर रहे हैं। इन दैनिकभोगी कर्मचारियों को पिछले 9 महीने से वेतन नहीं मिला है। संगठन ने बताया कि वे सालों से अल्प मजूरी पर जल संस्थान में काम कर रहे है। ना तो उनको कोई पद दिया गया है और ना ही वेतन भुगतान का ही कोई नियम है।
बुधवार को शुरू हुए जलसंस्थान वेतनभोगी कर्मचारी संगठन देवप्रयाग के इस धरना प्रदर्शन को पूर्व ब्लाक प्रमुख मगन सिंह बिष्ट ने अपना समर्थन दिया है। धरना स्थल पर पहुंचकर उन्होंने कहा कि जल संस्थान के दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी बंधुवा मजदूरों की जिंदगी बसर कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि जल संस्थान ये कर्मचारी साल 2000 में कुछ कर्मचारी साल 2016 में नौकरी पर लगे हैं। इन कर्मचारियों को महज 275 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से मजदूरी दी जाती है जबकि दूसरे विभागों में 375 से लेकर 425 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से वेतन भुगतान किया जाता है। बाजवूद इसके हालात ये है कि जलसंस्थान के इन दैनिक कर्मचारियों को पिछले 9 महीने से वेतन भुगतान नहीं मिला है। सरकार इन कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। हैरानी की बात है कि इन कर्मचारियों के वेतन भुगतान का कोई नियम ही नहीं है।
पूर्व ब्लाक प्रमुख मगन सिंह बिष्ट ने कहा कि जलसंस्थान की दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के आंदोलन के साथ है। उन्होंने कहा कि वे इन दैनिकभोगी को न्यूनतम वेतन दिलाने के लिए आवाज उठाते रहेंगे।