रिपब्लिक डेस्क। उत्तराखण्ड में अब पूरे चुनावी मोड आ चुका है। नेताओं का पार्टी छोड़ने ज्वाइन करने सिलसिला शुरू हो गया है। इसके साथ ही नेताओं का रूठने मनाने का दौर भी शुरू हो गया है। जिसने प्रदेश में नये राजनीतिक समीकरण को जन्म दे दिया है।
सोमवार को पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य और उनके विधायक पुत्र संजीव आर्य के कांग्रेस ज्वाइन करने के 24 घंटे के भीतर ही कांग्रेस में बवाल शुरू हो गया है। कांग्रेस की महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष सरिता आर्य खुलकर विरोध में आ गई है। सरिता आर्य ने पार्टी छोड़ने की धमकी दे डाली है।
आने वाले विधान सभा चुनावों में उत्तराखण्ड के दो बड़े सियासी दल कांग्रेस और भाजपा सत्ता पाने के लिए हर मुमकिन जतन करने में लगी हुई है। पहले भाजपा एक कांग्रेसी और दो निर्दलीय विधायकों को अपने पाले में करने में कामयाबी रही। वहीं कांग्रेस ने कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य और उनके विधायक पुत्र संजीव आर्य को अपने पाले में कर भाजपा को बड़ा झटका दे दिया है।
सरिता आर्य ने जताया विरोध
कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य और संजीव आर्य को पार्टी में शामिल करने को लेकर हरीश रावत और नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह के समर्थक सोशल मीडिया में सोमवार से सक्रिय है। दोनों गुट अपने नेता को इसका क्रेडिट देने और हीरो बनाने लगे हैं और इसको पार्टी के लिए बड़ी कामयाबी बता रहे हैं।
वहीं प्रदेश कांग्रेस महिला मोर्चा की अध्यक्ष सरिता यशपाल आर्य और उनके पुत्र संजीव आर्य का कांग्रेस में शामिल होना नागवार गुजर रहा है। वे इसको लेकर खुलकर विरोध में आ गई हैं।
सरिता आर्य 2017 विधानसभा चुनाव में नैनीताल सीट से संजीव आर्य के खिलाफ चुनाव लड़ी थी। इस चुनाव में सरिता 7 हजार से ज्यादा वोटों से चुनाव हारी थी। अब चुनाव से पहले संजीव अपने पिता के साथ कांग्रेस में आ गए तो सरिता ने विरोध शुरू कर दिया है। सरिता ने सोशल मीडिया के जरिए अपनी भड़ास भी निकाली है।
जानकार मानते हैं कि संजीव आर्य नैनीताल से विधायक हैं और संजीव के कांग्रेस में आने पर नैनीताल से सरिता आर्य की टिकट की दावेदारी पर कमजोर हो सकती है।
सरिता आर्य ने लिखा है कि उत्तराखंड में जो आज राजनीतिक घटनाक्रम हुआ है, उस परिपेक्ष में कांग्रेस पार्टी में निष्ठां पूर्वक व् समर्पित भाव से एक महिला कार्यकर्ता होने के नाते पार्टी कि विपरीत परिस्तिथियों में पार्टी को मजबूत करने के लिए सड़क से विधानसभा तक संघर्ष किया दुखी मन से, व्यक्तिगत तौर पर मेरे पास बहुत से विकल्प खुले है। उन्होंने कहा कि अतिशीघ्र अपने के साथ विचार विमर्श कर पर्दे के पीछे का खेल न खेलकर सार्वजनिक रूप से निर्णय लूंगी। साफ है कि सरिता आर्य ने पार्टी छोड़ने की धमकी दे दी है। जिससे आने वाले दिनों में वे नया राजनैतिक कदम उठा सकती हैं।