देहरादून। शनिवार को कड़ी टेªनिंग के बाद 341 कैडेट्स बतौर लेफ्निेट भारतीय सेना का अंग बन गये हैं। इन कैडेट्स ने भारतीय सैन्य अकादमी में शनिवार को पासिंग आउट परेड के अंतिम पगबाधा को पार किया। परेड की सलामी लेफ्टिनेंट जनरल आरपी सिंह ने ली। कुल 425 जेंटलमैन कैडेट्स पास आउट हुए। इनमें 84 युवा सैन्य अधिकारी नौ मित्र राष्ट्र के हैं।
आईएमए पीओपी में 341 में से 37 कैडेट्स उत्तराखंड से हैं। यूपी के इस बार 66 कैडेट्स पासिंग आउट परेड में शामिल हुआ। यूपी के कैडेट्स संख्या के हिसाब से सबसे ज्यादा है, लेकिन आबादी के हिसाब से उत्तराखंड आगे है। आईएमए देहरादून से इस बार दो नेपाल मूल के कैडेट पास आउट होकर भारतीय सेना में अफसर बने।
शनिवार सुबह आईएमए की ऐतिहासिक चैटवुड बिल्डिंग के सामने ड्रिल स्क्वायर पर आयोजित पासिंग आउट परेड का दक्षिण-पश्चिमी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग ले. जनरल आरपी सिंह बतौर रिव्यूइंग आफिसर निरीक्षण कर पास जेंटलमैन कैडेट्स से सलामी ली। परेड के उपरांत आयोजित होने वाली पीपिंग व ओथ सेरेमनी के बाद पास आउट बैच के 425 जेंटलमैन कैडेट बतौर लेफ्टिनेंट देश-विदेश की सेना के अभिन्न अंग बन गए। इनमें 341 युवा सैन्य अधिकारी भारतीय थल सेना को मिले।
परेड सुबह पौने छह बजे आरंभ होनी थी, लेकिन तड़के चार बजे के बाद हुई भारी बारिश के चलते इसके समय में परिवर्तन किया गया और परेड सुबह आठ बजे आरंभ हुई। परेड के मौके पर कमान्डेंट ले जनरल हरिंदर सिंह, डिप्टी कमान्डेंट मेजर जनरल जगजीत सिंह मंगत समेत कई सैन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए इस बार भी परेड का सादगी से आयोजन किया गया। कैडेटों के परिजन इस विशेष घड़ी में पीओपी में शामिल नहीं हो पाए। पिछले साल जून में हुई पासिंग आउट परेड में भी कैडेटों के परिजन कोविड-19 के चलते शामिल नहीं हुए थे।
स्वार्ड ऑफ ऑनर मुकेश को मिला
ले. जनरल सिंह ने कैडेटों को ओवरऑल बेस्ट परफॉर्मेंस व अन्य उत्कृष्ट सम्मान से नवाजा। कोर्स में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए जेंटलमैन कैडेट को मुकेश कुमार को स्वाॅर्ड ऑफ ऑनर मिला। दीपक सिंह को स्वर्ण, मुकेश कुमार को रजत व लवनीत सिंह को कांस्य पदक मिला। दक्ष कुमार पंत ने सिल्वर मेडल (टीजी) हासिल किया। किन्ले नोरबू सर्वश्रेष्ठ विदेशी कैडेट चुने गए। चीफ ऑफ आर्मी स्टॉफ बैनर डोगराई कंपनी को मिला।