देहरादून। रानीपोखरी के क्षतिग्रस्त पुल को लेकर आने वाले दिनों में सियासत गरमा सकती है। गौरतलब है कि विगत 27 अगस्त को रानीपोखरी का ये पुल क्षतिग्रस्त हो गया था। भाजपा और कांग्रेस के बड़े नेता इस क्षतिग्रस्त पुल के मौका मुआयना करने की अपनी राजनीतिक रस्म अदायगी पूरी कर चुके हैं। चौंकाने वाली बात ये रही कि पुल के टूटने को लेकर पक्ष-विपक्ष ने इस को लेकर कोई आरोप-प्रत्योराप नहीं किया। रानीपोखरी का ये पुल देहरादून को गढ़वाल और कुमाऊं को जोड़ता है। बताया जा रहा है कि 1960 में बने इस पुल की मियाद पांच साल पहले खत्म हो चुकी है। लेकिन बावजूद इसके इस पर यातायात क्षतिग्रस्त होने तक लगातार जारी रहा है।
स्थानीय विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत बताते है कि यहां पर पुल के नवनिर्माण के लिए बजट जारी हो चुका है जिसे उन्होंने मुख्यमंत्री रहते जारी कर दिया था। और जल्द ही यहां पर नया पुल बनकर तैयार हो जायेगा। उनका कहना है कि पुल के निर्माण होने तक यहां पर यहां पर वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है।
कांग्रेस के बड़े नेता हरीश रावत ने भी इस क्षतिग्रस्त पुल का मौके पर जायजा लिया। उन्होंने पुल के क्षतिग्रस्त होने का कारण इलाके में अवैध खनन को बताया, लेकिन उन्होंने इस मामले राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप से परहेज किया।
लेकिन मंगलवार को अचानक आप आदमी पार्टी के नेता और मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार कर्नल अजय कोठियाल ने इस मामले में मीडिया को बयान जारी किया है। उन्होंने दावा किया है कि सरकार यदि वे मौका तो वे रानीपोखरी में 48 घंटे में नया पुल तैयार कर देंगे। उन्होंने विपक्षियों पर निशाना साधते हुए कहा पांच दिन बीत जाने के बाद भी सरकार के अफसर सिर्फ मौके का जायजा करने में लगे हुए।