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सेमवाल जी द्वारा रचित वृहद् काव्य संग्रह ‘मन की बातें’ पुस्तक का विमोचन

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08 जनवरी 2023 को श्री श्रीधर सेमवाल जी द्बारा लिखित/ रचित वृहद् काव्य संग्रह “मन की बातें ” नामक पुस्तक का विमोचन देहरादून में बड़े हर्षोल्लास के साथ हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता आशा नौटियाल, पूर्व विधायक केदारनाथ ने की तथा मुख्य अतिथि पद्मश्री कल्याणसिंह रावत जी रहे।

पुस्तक में कवि ने 88 कविताओं को विभिन्न भाषाओं खासकर हिन्दी, अंग्रेज़ी, गढ़वाली और उर्दू में उकेरा है। लगभग सभी कविताओं को पढ़ने पर यही लगता है कि यह केवल मेरे ही जीवन पर आधारित हैं, मेरे ही आसपास के नदी, पहाड़, जीव जंतु, धन सम्पदा आदि का जिक्र हुआ है। कवि ने प्रकृति का चित्रण, ईश्वर का सुमिरन, गलवान की घड़ी, बचपन की नादानी, दिल की दिल्लगी, मन की मस्ती आदि मेरे हिसाब से सही सही वर्णित करते हुए उन्हें शानदार ढंग से कविता का पूर्ण स्वरूप दिया है।

Apart from most relevant, highly impressed, to the point and poems having stream of consciousness in Hindi, the poet has well composed thrilling, soothing and touching poems in English language also eg; destiny, liberty, misfortune, tripple six, morning wind etc. यों का अलावा भी गढ़वाली कविताओं मा भी महारत हासिल करीं छ। कुछ गढ़वाली कविता जन् ; तु किया ह्वै अपच्छाॅंण, जब हम नि रौला, दूर को ढोल इनी बिजां कविताओं तैं भलि करिक, सजै तैं रसिलु बणैलि, भलि स्वांणी म्वांणि जन बोलनै बस हमरै बारा मा लिख्यूं होलू सिम्वाल जी कु।

श्री श्रीधर सेमवाल जी की दसवीं तक की पढ़ाई उनके गृह क्षेत्र ऊखीमठ में हुई और उसके बाद की पढ़ाई के लिए वे गोपेश्वर आ गये थे। मेरा परम सौभाग्य रहा है कि भले ही पिछले 50 सालों से श्री श्रीधर सेमवाल जी को जानता था परन्तु मिलने का सौभाग्य आज ही हुआ जब उन्होंने अपनी पुस्तक के विमोचन में बुलाकर मुझे धन्य किया। हमारे साथी रियर ऐडमिरल ओमप्रकाश राणा जी AVSM, VSM व पद्म् कल्याण सिंह रावत, मैती जी उनके साथ स्कूल के दिनों से तत्कालीन हवा महल ( जाने माने वकील साहब स्व० शम्भू प्रसाद पुजारी जी की हवेली), गोपेश्वर में रहते थे तो दोनों ने ही उनके बारे में रोचक बातें/ कथाएँ बताई हैं, साहित्य में उनकी जिज्ञासाएं मालूम पड़ी हैं।

श्री सेमवाल के गुरू जी श्री भटट् जी भी ऊखीमठ से इस अवसर पर आये थे और उन्होंने श्री श्रीधर सेमवाल जी को आशीर्वाद देते हुए उनके स्कूल के दिनों की खूबियाँ गिनाई। श्री श्रीधर सेमवाल जी बचपन से ही अव्वल दर्जे के होनहार विद्यार्थी रहें हैं। विदित हो कि उनकी धर्म पत्नी श्रीमती मधु सेमवाल जी भी एक कुशल योग शिक्षिका हैं और योग के माध्यम से भारत स्वाभिमान का परचम लहरा रहीं हैं। सभा में बचपन के सभी साथियों को आमंत्रित करने के उनके खयालों से उनकी ऊॅंचाई का पता लगता है।

हम सभी साथी अपने जिगरी दोस्त (अब कवि) श्री श्रीधर सेमवाल जी को बहुत बधाई देते हैं व उनकी कलम की ताकत को कई गुना बढ़ाने के लिए भगवान बद्री केदार से प्रार्थना करते हैं।

केन्द्र व राज्य सरकारों एवं संस्थानों/ प्रतिष्ठानों से अनुरोध है कि श्री श्रीधर सेमवाल जी द्बारा रचित उक्त काव्य संकलन “मन की बातें” विद्यालयों के पाठ्यक्रमों में शामिल किये जाने से विद्यार्थियों के लिए बहुत उपयोगी साबित होगी। अतः इस विषय में भारी अपेक्षा अनुगृहीत है।

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