देहरादून। गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करने की आज दूसरी वर्षगांठ है। वो चार मार्च का ही दिन था जब साल 2020 में प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गैरसैण को उत्तराखण्ड की ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया था। गैरसैण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किये जाने की दूसरी वर्षगांठ पर पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने ट्वीट करते हुए सवा करोड़ उत्तराखण्डवासियों को शुभकामनाएं दी हैं।
उत्तराखंड वासियों के लिए ऐतिहासिक दिन!
आज से ठीक 02 वर्ष पहले, मुख्यसेवक रहते हुए सवा करोड़ उत्तराखंड वासियों की भावनाओं का सम्मान करते हुए "गैरसैंण" को राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करने का मुझे सौभाग्य मिला।आज के इस सुअवसर पर समस्त प्रदेशवासियों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं.? pic.twitter.com/eOpr0zHD3b— Trivendra Singh Rawat ( मोदी का परिवार) (@tsrawatbjp) March 4, 2022
गौरतलब है कि पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र की घोषणा के बाद उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी के तौर पर भराड़ीसैण (गैरसैंण) को 8 जून 2020 को राज्यपाल ने अपनी मंजूरी दी। इस तरह पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गैरसैंण को राजधानी बनाकर जनता से किए वादे को पूरा किया है।
जब उत्तर प्रदेश से अलग उत्तराखंड राज्य बनाने के लिए आंदोलन चल रहा था तब आंदोलनकारियों की मांग थी कि गैरसैंण को इसकी राजधानी बनाई जाय। उत्तराखंड राज्य के लिए संघर्ष में 36 आंदोलनकारी शहीद हो गए थे। जब वर्ष 2000 के नवंबर में उत्तराखंड अलग राज्य बन गया तो गैरसैंण में सुविधाएं नहीं थीं जिस वजह से देहरादून को इसकी अस्थाई राजधानी बनाई गई।
उत्तराखंड बनने के बाद गैरसैंण को राजधानी बनाने की मांग लगातार उठती रही। भाजपा ने 2017 के चुनावी घोषणापत्र में इसका जिक्र किया और वादा किया कि गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाकर वहां सारी सुविधाएं देने पर विचार किया जाएगा। 2017 के चुनाव में भाजपा को जनता ने भारी बहुमत से जिताया और प्रदेश के इतिहास में पहली बार 57 सीट के साथ कोई पार्टी सत्ता में आई। तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने तीन साल पूरे होने पर जनता के साथ किए वादे को पूरा किया
उत्तराखंड की पिछली सरकारों ने गैरसैंण को राजधानी बनाने का सपना दिखाया और इसे राजनैतिक मुद्दा बनाए रखा। कांग्रेस सरकार में सीएम रहे विजय बहुगुणा ने यहां कई अहम भवनों का शिलान्यास भी किया। हरीश रावत की सरकार में ये बनकर भी तैयार हो गए। लेकिन गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करने का काम त्रिवेंद्र सरकार ने ही किया।
ग्रीष्मकालीन राजधानी की घोषणा के साथ त्रिवेन्द्र सरकार ने गैरसैंण व आसपास के क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाएं जुटाने को दस वर्ष में 25 हजार करोड़ रुपये खर्च करने का ऐलान किया। जिससे गैरसैंण व आसपास के स्थानों पर सड़क, पानी, बिजली, स्वास्थ्य, आवास आदि बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध होंगी।