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राजकीय शिक्षक संघ की प्रांतीय कार्यकारिणी भंग, संयोजक मण्डल गठित करने की मांग

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देहरादून। चुनाव को लेकर विवादों में घिरी राजकीय शिक्षक संघ की प्रांतीय कार्यकारिणी सोमवार को भंग हो गई। प्रांतीय अध्यक्ष के.के.डिमरी ने कार्यकारिणी भंग करने की घोषणा के साथ ही माध्यमिक शिक्षा निदेशक को पत्र सौंपकर संयोजक मण्डल गठित करने की मांग की।

इधर प्रांतीय महामंत्री को इस बात की भनक तक नहीं लगी। महामंत्री का दावा है कि अध्यक्ष के इस कदम से संघ की मान्यता पर संकट पैदा हो गया है। सोमवार को प्रांतीय अध्यक्ष के के डिमरी, उपाध्यक्ष मुकेश बहुगुणा एवं प्रांतीय संयुक्त मंत्री योगेश चन्द्र माध्यमिक शिक्षा निदेशक से मिलने पहुंचे। उन्होंने कहा कि प्रांतीय कार्यकारिणी शिक्षा निदेशक की ओर से मांगी गई वर्तमान सत्र की सदस्यता सूची एवं आडिट रिपोर्ट प्रस्तुत करने में असमर्थ रही है इसलिए कार्यकारिणी भंग कर नए संयोजक मंडल का गठन करना उचित है। संयोजक मंडल ही चुनाव प्रक्रिया को करवाएगा।

उन्होंने नई कार्यकारिणी के गठन तक संघ के खाते से किसी भी प्राकर के आहरण पर भी रोक लगा दी है। इधर प्रांतीय महामंत्री डा० सोहन सिंह मांजिला ने कहा कि प्रांतीय अध्यक्ष ने जानकारी के अभाव में संघ के संविधान के खिलाफ जाकर चुनाव से पहले ही कार्यकारिणी भंग कर संघ की मान्यता को खतरे में डाल दिया है।

उन्होंने अध्यक्ष पर शिक्षकों की ओर से सदस्यता के लिए दिया गया शुल्क गबन करने का आरोप भी लगाया। कहा कि संघ की सदस्यता का लेखा-जोखा महामंत्री की जिम्मेदारी है। अध्यक्ष ने मेरे नाम पर करीब 16 हजार शिक्षक से 16 लाख रुपये ले लिए, लेकिन अब तक कुछ जिलों एवं ब्लाक को छोड़कर किसी का शुल्क नहीं पहुंचा। पूरे घटनाक्रम पर माध्यमिक शिक्षा निदेशक सीमा जौनसारी का कहना है कि संघ की ओर से अब तक मांगी गई जानकारी निदेशालय को नहीं मिली, रिपोर्ट मिलने के बाद ही चुनाव की अनुमति दी जाएगी

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