रिपब्लिक डेस्क। उत्तराखण्ड से कांग्रेस के बड़े नेता और पूर्व सीएम हरीश रावत सोशल मीडिया हैंडिल पर हमेशा सक्रिय रहते हैं। सोशल मीडिया प्लेटफार्म का अभिव्यक्ति के लिए सही इस्तेमाल करना वे बखूबी जानते हैं।
सोशल मीडिया पर उनकी पोस्ट और टिप्पणियां अक्सर सुर्खियां बटोरती हैं। यहीं वे कभी पहाड़ी व्यंजनों की जानकारी साझा करते हैं। तो कभी भाजपा सरकार को कठघरे में खड़ा करते नजर आते हैं। तो कभी देश प्रदेश को उत्तराखण्डियत की का मतलब भी बताते हैं।
पार्टी में अपने विरोधियों को भी यहीं से वे बड़े चालाकी से पटकनी भी मारते हैं। इन दिनों वे अपने सीएम कार्यकाल के उन फैसलों के बारे में बता रहे हैं जिनकों मौजूदा भाजपा सरकार ने ठण्डे बस्ते में डाल दिया है।
गुरूवार को उन्होंने अपनी सोशल मीडिया में हरिद्वार ऋषिकेश मेट्रो रेल परियोजना का जिक्र किया है। हरीश रावत के मुताबिक उनकी सरकार एक परियोजना को गति देने के लिए प्रबंध निदेशक नियुक्त कर दिया था। और इस परियोजना का सर्वेक्षण , वित्तीय स्रोतों की खोज के कदम बढ़ाने के निर्देश दे दिये थे। भारत सरकार को इस परियोजना की अनुमति दिये जाने हेतु पत्र भेजा दिया था। लेकिन सत्ता परिवर्तन के बाद मौजूदा बीजेपी सरकार नेे इसको ठण्डे बस्ते में डाल दिया है।
हरीश रावत देश के एक मंझे हुए नेता है। किसी बात को कब और किस मंच पर और कितना कहना है शायद ही उनसे बेहतर कोई दूसरा राजनेता जानता हो। फिलहाल ऐसा नजर आता है कि इन पोस्टों को जरिए विकास के मुद्दे पर भौजूदा भाजपा सरकार को कठघरे में खड़ा करना चाहते है।
