Home उत्तराखंड बच्चों को बताया साफ़ स्वच्छ रहना क्यों ज़रूरी

बच्चों को बताया साफ़ स्वच्छ रहना क्यों ज़रूरी

51
0

– राजकीय जूनियर हाई स्कूल, नकरौदा में स्वच्छता पखवाड़ा समारोह का किया गया आयोजन
-भारत सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालय ने किया आयोजन

भारत सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC), क्षेत्रीय कार्यालय देहरादून द्वारा स्वच्छता पखवाड़ा के तहत सोमवार को राजकीय जूनियर हाई स्कूल, नकरौंदा में एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह आयोजन उप महानिदेशक श्री संतोष तिवारी के मार्गदर्शन में किया गया। इस कार्यक्रम में पर्यावरण और स्वच्छता के विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श किया गया और छात्रों को इन विषयों पर जागरूक किया गया। कार्यक्रम में एआईजी श्रीमती नीलिमा शाह, वैज्ञानिक ‘ई’ डॉ. आशीष कुमार और उप निदेशक डॉ. विपिन गुप्ता ने महत्वपूर्ण सत्रों का संचालन किया। स्कूल के प्रधानाचार्य श्री राकेश गौड़ सहित अन्य स्टाफ सदस्य श्रीमती गुरमीत कौर, श्री दीपक रावत, और श्री विकास शाह भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

श्रीमती नीलिमा शाह ने जल संरक्षण पर जोर देते हुए इसे मानव जीवन के लिए अमूल्य संसाधन बताया। उन्होंने बताया कि पानी की बर्बादी रोकने और इसे संरक्षित करने के छोटे-छोटे प्रयासों से बड़ा बदलाव लाया जा सकता है। उन्होंने छात्रों को व्यक्तिगत स्वच्छता और शरीर की सफाई के महत्व के बारे में भी बताया, जिससे न केवल बीमारियों से बचा जा सकता है बल्कि एक स्वस्थ जीवन की ओर भी अग्रसर हुआ जा सकता है। डॉ. आशीष कुमार ने पर्यावरण में प्लास्टिक प्रदूषण की गंभीरता पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने सिंगल यूज़ प्लास्टिक के उपयोग से होने वाले हानिकारक प्रभावों की जानकारी दी और छात्रों को इसके स्थान पर वैकल्पिक, पर्यावरण के अनुकूल विकल्प अपनाने का सुझाव दिया।

उन्होंने बताया कि प्लास्टिक का अपघटन बहुत धीमी गति से होता है, जिससे यह मिट्टी, जल और वातावरण को प्रदूषित करता है। इस समस्या को सुलझाने के लिए हर नागरिक को अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए। उप निदेशक डॉ. विपिन गुप्ता ने स्वच्छता के महत्व पर प्रकाश डालते हुए इसे सामाजिक और व्यक्तिगत स्वास्थ्य के लिए आवश्यक बताया। उन्होंने स्वच्छता पखवाड़ा के विभिन्न पहलुओं पर छात्रों के साथ बातचीत की और स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए एक क्विज़ प्रतियोगिता का आयोजन भी किया। प्रतियोगिता में छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और पर्यावरण-संरक्षण से जुड़े सवालों का उत्तर दिया।

कार्यक्रम के अंत में छात्रों को नेल कटर वितरित किए गए, जिससे वे व्यक्तिगत स्वच्छता का पालन कर सकें। ताजगी के लिए ताज़ा जूस और अन्य खाद्य पदार्थ वितरित किए गए, ताकि छात्रों को स्वस्थ जीवन शैली के प्रति प्रेरित किया जा सके। क्विज़ के विजेताओं को पौधे प्रदान किए गए, जिससे वे पर्यावरण संरक्षण में सक्रिय रूप से योगदान दे सकें। कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल छात्रों को स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक बनाना था, बल्कि उन्हें जीवन में स्वस्थ और टिकाऊ आदतों को अपनाने के लिए प्रेरित करना भी था। इस प्रकार के आयोजनों से बच्चों के बीच स्वच्छता और पर्यावरण के प्रति समझ विकसित की जा सकती है, जो दीर्घकालिक रूप से समाज के लिए फायदेमंद साबित होगी।

Previous articleउत्तराखण्ड के मूल सवालों पर ‘तांडव रैली’ कर सीएम आवास का घेराव करेगी यूकेडी
Next articleनरेन्द्रनगर डिग्री कालेज में किया गया गढ़भोज का आयोजन

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here