उत्तरकाशी गौमुख और तपोवन के लिए यात्रा इस वर्ष अप्रेल के पहले हफ्ते में शुरू हो गई है। 2 अप्रैल को 12 सदस्यीय एक दल ने सबसे पहले गौमुख और तपोवन की यात्रा शुरू की। दल ने तपोवन तक सुरक्षित यात्रा पूरी कर 6 अप्रेल गंगोत्री धाम के दर्शन किये। ग्रोथ एडवेंचर के संयोजक प्रदीप राणा एक अनुभवी पर्वतारोही हैं जिनके सानिध्य में यह यात्रा सम्पूर्ण हुई। गंगोत्री नेशनल पार्क में तपोवन तक 22 किलोमीटर के ट्रेक में प्राकृतिक सुंदरता के साथ साथ कठिन रास्तों का सफर भी तय करना पड़ता है।
पूरा ट्रेक प्राकृतिक विविधताओं से भरा हुआ है जहां एक तरफ बड़े बड़े गधेरे और झरने हैं तो दूसरी तरफ सुंदर बर्फीले पहाड़ों के नजारे हैं। गंगोत्री धाम से शुरू होने वाले इस ट्रैक में चीड़वासा और भोजवासा दो अहम पड़ाव हैं जहां रात्रि विश्राम किया जा सकता है। भोजवासा में पर्यटन आवास गृह से लेकर आपदा राहत की व्यवस्थाएं हैं। ट्रेकिंग दल में चार सदस्य राजस्थान से आये तो जिन्होंने पहली बार इतने लंबे ट्रेक का अनुभव लिया। बृजेन्द्र कुमार शर्मा इनमें सबसे वरिष्ठ थे जिनकी उम्र 65 वर्ष की है और उन्होंने ने केवल सफलता से तपोवन तक ट्रेक पूरा किया बल्कि शिवलिंग पर्वत के नीचे ध्यान लगाया।
ट्रेकिंग दल में कर विभाग में अधिकारी कुलदीपक शर्मा ने गौमुख ग्लेशियर में आ रहे तेजी से परिवर्तन पर चिंता व्यक्त की। वायु सेना में अधिकारी अभिनव मुदगल ने पहली बार इतनी ऊंची चोटियों के दीदार किये और भागीरथी, शिवलिंग और मेरु पर्वतों को इतने करीब से देख कर मंत्रमुग्ध हो गए।
विदित हो कि गत दो वर्षों से पर्यटन के छेत्र में जो मंदी आई थी उससे पर्यटन व्यवसाइयों की कमर टूट गई थी जिसका बड़ा असर उत्तराखंड में भी देखने को मिला। अब जब कोरोना का प्रभाव कम हुआ है तो पर्यटन व्यवसाइयों में भी उम्मीद जगी है। यही कारण है कि अभी उत्तराखंड में चारों धामों के अभी कपाट खुलने हैं और रिकॉर्ड पर्यटकों के आने की उम्मीदें हैं। ऐसे समय में अप्रेल में तपोवन ट्रेक शुरू होने पर प्रदीप राणा एवम उनकी टीम को काफी संभावनाएं नजर आ रहीं हैं। उन्हें उम्मीद है कि युवाओं में जिस तरह ट्रेकिंग का क्रेज बढ़ रहा है उससे उत्तराखंड जैसे प्रदेश में आजीविका का और अवसर पैदा होंगे।
ट्रेकिंग दल में अन्य- सोनू भट्ट,अभिषेक दीक्षित ग्रोथ एडवेंचर के मेंबर-विनीत पंवार,कृपाल राणा,अंकित राणा,महेश उपाध्याय,धर्मा धमला