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बेरोजगार फार्मासिस्ट भी अब आंदोलन की राह पर जाने को मजबूर

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देहरादून। उत्तराखण्ड में इन दिनों धरना प्रदर्शनों को दौर चल रहा है। आशा कार्यकत्रियां राज्य कर्मचारी का दर्जा को लेकर पिछले 10 दिनों से प्रदेश भर में प्रदर्शन कर रही है। डीएलएड प्रशिक्षत नियुक्तियों को लेकर निदेशालय से लेकर सचिवालय तक प्रदर्शन कर रहे हैं। बीएड टीईटी प्रशिक्षित बेरोजगार नियुक्तियों बैकलाग की नियुक्तियां को लेेकर हफ्तों से धरने पर बैठे हुए हैं।

वहीं अब फार्मासिस्ट बेरोजगार संघ भी फार्मासिस्ट की भर्ती को लेकर आंदोलन और धरना-प्रदर्शन का मन बना चुकी है। इसको लेकर बेरोजगार फार्मासिस्टों ने बुधवार को जूम मीटिग की। इस मीटिंग में सभी पदाधिकारियों और सदस्यों ने आंदोलन रुपरेखा पर चर्चा की।

बेरोजगार फार्मासिस्ट संघ सह मीडिया प्रभारी हरि प्रकाश सेनवाल ने बताया कि प्रदेश सरकार बेरोजगार फार्मासिस्टों के साथ छलावा कर रही है। स्वास्थ्य विभाग में 2004 से अभी कोई भर्ती नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर बड़े-बड़े दावे कर रही है। लेकिल 16 साल बीत जाने के बाद भी फार्मासिस्ट की भर्ती नहीं कर पाई है। उन्होंने कहा कि दवाई वितरण का कार्य आशा कार्यकत्रियों से कराया जा रहा है जो कि दवाओं के मामले में बिल्कुल अनभिज्ञ है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को फार्मासिस्ट की जल्द भर्ती करनी चाहिए। इससे एक तरफ बेरोजगार फार्मासिस्टों को रोजगार मिलेगा वहीं दूसरी तरफ प्रदेश के नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकेगी।

जूम मीटिंग में सभी पदाधिकारियों ने 19 अगस्त को इसको लेकर सांकेतिक प्रदर्शन का मन बनाया है। बैठक में हरि प्रकाश सेनवाल,लववीर सिंह, गौतम उनियाल, अरविंद जोशी, इन्दु डंगवाल, लव बेलवाल, अमन, परदीप समेत अन्य लोग उपस्थित रहे। बैठक की अध्यक्षता लववीर सिंह ने की।

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