Home उत्तराखंड बेरोजगार फार्मासिस्टों का स्वास्थ्य मंत्री के कैम्प कार्यालय पर प्रदर्शन, महासंघ का...

बेरोजगार फार्मासिस्टों का स्वास्थ्य मंत्री के कैम्प कार्यालय पर प्रदर्शन, महासंघ का आरोप मंत्री चकमा देकर पिछले दरवाजे से हुए फुर्र

456
0

देहरादून। प्रदेश के बेरोजगारों नौजवानों की गुहार कोई सुनने वाला नहीं है। इन दिनों प्रदेश के बेरोजगार नौजवान अपनी मांगों को लेकर धरने में बैठे हैं लेकिन हैरत वाली बात है कि सरकार के जिम्मेदार रोजगार देना तो दूर इनकी बात सुनने को तैयार नहीं है।
ऐसा ही वाकिया हुआ बेरोजगार फार्मासिस्टों के साथ। रोजगार के आस में बैठे बेरोजगार डिप्लोमा फार्मासिस्ट रविवार को भाई बहनों के त्यौहार रक्षाबंधन को छोड़ प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डा० धन सिंह रावत के दर पर यमुना कालोनी आवास पर पहुंचे। बेरोजगार फार्मासिस्टों का आरोप है कि मंत्री महोदय ने उन्हें बातचीत के लिए बुलाया लेकिन पिछले दरवाजे से बिना बातचीत किये निकल गये। इससे बेरोजगार फार्मासिस्ट खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं।

बेरोजगार फार्मासिस्टों ने आईपीएचएस मानकों में शिथिलता बरतने और दूसरी 14 सूत्री मांगों को लेकर गत 19 अगस्त से बेमियादी धरने पर है। प्रशिक्षित बेरोजगार डिप्लोमा फार्मासिस्ट से बार आर-पार की लड़ाई के मूड में है। महासंघ का कहना है मांगे ना माने जाने बेरोजगार फार्मासिस्ट लगातार धरना प्रदर्शन करते रहेंगे। महासंघ का कहने है कि यदि इसके बावजूद सरकार नहीं चेती तो वे बड़े आंदोलन करने को मजबूर हो जाएंगे।

महासंघ अध्यक्ष महादेव गौड़ ने कहा कि सरकार आईपीएचएस मानको का हवाला देकर को फार्मासिस्ट के रिक्त पदों पर भर्ती से साफ इनकार कर रही है। जिससे बेरोजगार फार्मासिस्ट में रोष व्याप्त है। उन्होंने कहा कि आज दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में जहां चिकित्सक जाने से कतराते हैं वहां फार्मासिस्ट महत्पूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। बावजूद इसके फार्मासिस्ट संवर्ग की अनदेखी की जा रही है।

उन्होंने वर्ष 2005-06 में उपकेन्द्रो पर सृजित फार्मासिस्ट के 536 पर आइपीएचएस मानकों में शिथिलता प्रदान करते हुए यथावत रखने, रिक्त पदों पर तत्काल भर्ती प्रक्रिया शुरू करने 600 उपकेन्द्रों पर संविदा के आधार पर की जा रही भर्ती के बजाय नियमित भर्ती करने, 1368 स्वास्थ्य उपकेन्द्रों पर फार्मासिस्ट के पद सृजित करने, राजकीय मेडिकल कालेजों में फार्मासिस्ट संवर्ग, पशु सेवा केन्द्रों एवं पशु चिकित्सा फार्मासिस्ट के बजाय आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से दवा वितरण के प्रस्ताव पर रोक लगाने, सभी मेडिकल स्टोर में फार्मासिस्ट की अनिवार्यता, कारागार विभाग में फार्मासिस्ट की लिखित परीक्षा निरस्त करने, वन विभाग में फार्मासिस्ट के पदो का सृजन, प्रस्तावित भेषज सेवा नियमावली में संशोधन, फार्मासिस्ट संवर्ग का पुनगर्ठन की मांग की।

इस दौरान लववीर सिंह चौहान, हरि प्रकाश सेनवाल, रविन्द्र सिंह, विनोद धीमान, रंजन, विक्रम कुंवर, इंदु डंगवाल समेत बड़ी तादाद में बेरोजगार डिप्लोमा फार्मासिस्ट मौजूद रहे।

Previous articleफिर से आंदोलन की राह पर बिजली कार्मिक
Next articleसीएम पुष्कर सिंह धामी ने राजीव नगर में कोविड वैक्सीनेशन कैम्प का शुभारंभ किया

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here